औरंगाबाद जिले के रफीगंज प्रखंड प्रमुख पद के लिए मंगलवार को समाहरणालय परिसर स्थित योजना भवन में हुए चुनाव में बौर पंचायत के क्षेत्र संख्या 7 की पंचायत समिति सदस्य गीता सिंह ने एक बार फिर जीत दर्ज की। चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। कुल 32 मतों में गीता सिंह को 19 वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंदी केराप पंचायत के क्षेत्र संख्या 23 की पंचायत समिति सदस्य जैनब फातमी को 13 वोट प्राप्त हुए। जीत के बाद गीता सिंह ने कहा कि यह जीत उनकी नहीं, बल्कि रफीगंज की जनता की जीत है। उन्होंने सभी पंचायत समिति सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे सभी को साथ लेकर प्रखंड के समग्र विकास के लिए कार्य करेंगी। 2021 में भी चुनी गईं थीं प्रमुख, ढाई साल बाद अविश्वास प्रस्ताव में पद से हटाई गई थीं गीता सिंह इससे पहले भी 2021 के पंचायत चुनाव के बाद प्रखंड प्रमुख चुनी गई थीं, लेकिन करीब ढाई साल बाद लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में वह पद से हटा दी गई थीं, जिसके बाद स्नेहा सिंह प्रमुख बनी थीं। हालांकि हाल के महीनों में बड़ी कार्रवाई करते हुए पंचायती राज विभाग ने तत्कालीन प्रमुख स्नेहा सिंह को पद से बर्खास्त कर दिया था। 6 अक्टूबर को जारी विभागीय आदेश में उन पर पद का दुरुपयोग, समय पर बैठकें नहीं बुलाने, कल्याणकारी योजनाओं में उदासीनता और सरकारी राशि के दुरुपयोग के आरोपों को सत्य पाया गया। जांच में यह भी सामने आया कि मजदूरों एवं सामग्री आपूर्ति एजेंसी की राशि योजना अभिकर्ता के बैंक खाते के माध्यम से उनके निजी खाते में स्थानांतरित कराने की साजिश रची गई थी। इन गंभीर अनियमितताओं के आधार पर विभाग ने न केवल उन्हें पद से हटाया, बल्कि अगले पांच वर्षों तक किसी भी पंचायत निकाय के निर्वाचन में उम्मीदवार बनने पर रोक भी लगा दी। यह कार्रवाई वाद संख्या 13/2024, ईश्वर कुमार एवं अन्य बनाम स्नेहा सिंह मामले में की गई। स्नेहा सिंह की बर्खास्तगी और प्रखंड प्रमुख पद के रिक्त होने के बाद हुए इस चुनाव में गीता सिंह की वापसी ने रफीगंज की राजनीति को एक बार फिर नई दिशा दी है। अब देखना होगा कि दोबारा मिले इस जनादेश के बाद वह किस तरह विकास कार्यों को गति देती हैं और प्रखंड समिति के बीच सामंजस्य स्थापित कर पाती हैं।
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