ऑस्ट्रेलिया के थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट ने शुक्रवार को बताया कि भारत अब एशिया पावर इंडेक्स-2025 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ताकत बन गया है। रैंकिंग अमेरिका पहले और चीन दूसरे नंबर पर है, जबकि जापान को चौथे स्थान मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक यह दर्जा तेज आर्थिक वृद्धि और बढ़ती सैन्य क्षमता के आधार पर मिला है। ऑपरेशन सिंदूर में भारत के प्रदर्शन ने भी डिफेंस रेटिंग बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। 2024 में भारत 38.1 स्कोर के साथ मध्यम ताकत की श्रेणी में था। 2025 में स्कोर बढ़कर 40 पॉइंट हो गया, जिसके बाद भारत बड़ी ताकत की श्रेणी में शामिल हो गया। अमेरिका का कुल स्कोर 1.2 पॉइंट घटा है। एशिया पावर इंडेक्स में 27 देशों का 131 पैरामीटर्स पर विश्लेषण किया जाता है। यह देखता है कि किस देश के पास कितने संसाधन, आर्थिक क्षमता, सैन्य ताकत और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव है। निवेश में चीन को पीछे छोड़ा इंडेक्स के मुताबिक निवेश के लिए तेजी से आकर्षक जगह बन रहा है। अमेरिका के बाद भारत सबसे ज्यादा विदेशी निवेश पाने वाला देश बन चुका है। इस मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। इसका कारण है कि कंपनियां अपनी सप्लाई चेन को चीन से हटाकर दूसरे देशों में फैलाना चाहती हैं। इन क्षेत्रों में भारत को बढ़त मिली इन क्षेत्रों में भारत को सुधार की जरूरत भारत की सबसे कमजोर कड़ी है उसका डिफेंस नेटवर्क, जहां वह 11वें स्थान पर है। इस मामले में फिलीपींस और थाईलैंड भारत से आगे निकल गए। भारत के संसाधनों के हिसाब से जितना प्रभाव होना चाहिए था, उतना नहीं बढ़ पाया। इसे ही पावर गैप कहा गया है। जापान, सिंगापुर जैसे देशों से भी एशिया की ताकत बढ़ी जापान की आर्थिक और तकनीकी क्षमता, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर की क्षेत्रीय नीतियां और दक्षिण कोरिया की सैन्य क्षमताएं, इन सबने मिलकर एशिया की शक्ति संरचना को मल्टी-पोलर बना दिया है। रिपोर्ट को शेयर करते हुए भारत के पूर्व राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि एशिया में शक्ति के मानक कैसे बदल रहे हैं और कौन-सा देश किस दिशा में आगे बढ़ रहा हैं उसके लिए ये रिपोर्ट देखना चाहिए।
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