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एलपीजी वितरकों का काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन:डीएम को ज्ञापन दिया, बोले- लागत बढ़ी, लेकिन सेवा शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं

फतेहपुर में सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों तेल कंपनियों इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के एलपीजी वितरकों ने अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है। यह आंदोलन शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2025 से प्रारंभ हुआ। आंदोलन के पहले चरण के तहत सोमवार को जिले के सभी वितरकों ने दोपहर दो बजे काली पट्टी बांधकर कार्य किया। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से पेट्रोलियम मंत्रालय को एक ज्ञापन भी सौंपा। इस आंदोलन का नेतृत्व दीपेश गुप्ता ने किया। उनके साथ सौरभ तिवारी, श्रीराम साहू, मुदित मिश्रा, दीपक कुमार सहित जिले के कई अन्य एलपीजी वितरकों ने सक्रिय भागीदारी की। ज्ञापन में वितरकों ने एलपीजी वितरण में मिलने वाले सेवा शुल्क और होम डिलीवरी प्रभार में तत्काल वृद्धि की मांग की है। उनका कहना है कि बढ़ती महंगाई और परिचालन लागत के कारण उनकी आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। यह आंदोलन एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन (इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.एस. शर्मा के आह्वान पर पूरे देश में एक साथ शुरू हुआ है। वितरकों का तर्क है कि सरकार ने वर्षों से होम डिलीवरी शुल्क और प्रशासनिक शुल्क में कोई संशोधन नहीं किया है, जबकि महंगाई दर और परिचालन खर्च कई गुना बढ़ चुके हैं। दीपेश गुप्ता, सौरभ तिवारी, श्रीराम साहू, मुदित मिश्रा, दीपक गुप्ता और चंद्रभान यादव ने बताया कि वे उपभोक्ताओं को समय पर गैस उपलब्ध कराने का लगातार प्रयास करते हैं, लेकिन लागत बढ़ने के बावजूद उनके सेवा शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्होंने सरकार से उनकी स्थिति समझने का आग्रह किया। वितरकों ने ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया कि डीजल, श्रम, वाहन रखरखाव और सुरक्षा खर्चों में लगातार वृद्धि के कारण उन्हें घाटे में काम करना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लेती है, तो आंदोलन का अगला चरण और सख्त होगा।


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