विधायक निधि में भ्रष्टाचार पर भास्कर पहली बार अब तक का सबसे बड़ा खुलासा कर रहा है। इसमें विकास कार्यों की अनुशंसा करने के नाम पर विधायक 40% कमीशन ले रहे हैं। इसे उजागर करने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने एक डमी फर्म का प्रोपराइटर बनकर विधायकों से संपर्क किया। उन्हें बताया कि ये फर्म खादी ग्रामोद्योग बाेर्ड से संबद्ध है और विधायक निधि से स्कूलों में दरी फर्श (कारपेट) सप्लाई करती है। बिना यह जाने कि इसकी कीमत कितनी है और इनकी स्कूलों में जरूरत है या नहीं, विधायक अनुशंसा करने को तैयार हो गए। उनका सिर्फ एक ही सवाल पर फोकस रहा– हमें कितना प्रतिशत मिलेगा?
खींवसर से भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा, हिंडौन से कांग्रेस की अनीता जाटव और बयाना से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत से डील की तो बीजेपी विधायक डांगा बोले- 40% दो, 50 लाख का काम दूंगा। वहीं, कांग्रेस की विधायक अनीता ने 50 हजार लिए और 80 लाख का लेटर दे दिया। इधर, निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत के पति ने 40 लाख की डील फाइनल कर दी। डांगा और अनीता ने तो जिला परिषद के सीईओ के नाम अनुशंसा-पत्र भी दे दिया। बता दें कि राजस्थान में प्रत्येक विधायक को विधानसभा सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमएलए लेड) के अंतर्गत सालाना 5 करोड़ रुपए मिलते हैं। डांगा ने 10 लाख एडवांस लिए, 50 लाख का लेटर दिया, बोले- अधिकारियों को थोड़ा-थोड़़ा दे देना बेटा बोला- लेटर अभी मत देना, मंत्री बन सकते हैं
विधायक डांगा ने रिपोर्टर से कहा- नागौर आओ। 50% बेटा अशोक ले लेगा। अशोक ने गांव की लोकेशन भेजी। रिपोर्टर पहुंचा।
अशोक: (लेटर देने के बाद) ऑनलाइन भिजवा दूंंगा मैं। सीईओ को कह दूंगा।
रिपोर्टर: नहीं–नहीं! आप मत भिजवाना, ये तो मैं ही दे आऊंगा, बाय हैंड।
अशोक: अभी मत देना, बाद में देना। मंत्रिमंडल का चल रहा है, क्या पता हो जाए? 10 लाए हो? लाओ! वो थैली दे दो।
रिपोर्टर: देख लो। 5–5 के 2 पैकेट हैं।
(रिपोर्टर ने अशोक डांगा को 10 लाख रुपए दे दिए।) जाटव बोलीं- पहले अफसर काम अटका चुके हैं, उनका देख लेना अनीता जाटव: मैंने पहले भी काम दिया था, अफसर करते नहीं हैं।
रिपोर्टर: आप तो लेटर दे दीजिए, उनसे मैं करवा लूंगा।
अनीता : अभी तो बजट नहीं है। बाद में देख लेंगे।
(जाटव के जयपुर आवास पर डील में करीबी पवन शर्मा की एंट्री।)
पवन : खुलकर बताओ आप कैसे करते हो?
रिपोर्टर: वैसे तो हम 30–35% ही देते हैं, लेकिन लास्ट 40% कर देंगे।
पवन : मैडम से मैं बात कर लूंगा। आप कह देना पवन से बात हो गई है।
रिपोर्टर: सर (पवन शर्मा की ओर इशारा करते हुए) से बात हो गई थी।
अनीता: हां, इन्होंने बता दिया था मुझे शाम को।
रिपोर्टर: ये टोकन (50 हजार रुपए) ले लीजिए। लेटर आज ही दे दीजिए।
अनीता: ठीक है! (अनीता जाटव ने रुपए ले लिए और पवन ने विधायक जाटव का साइन किया हुआ 80 लाख रुपए की अनुशंसा का लेटर दिया और पूछा जनवरी तक काम और पेमेंट हो जाएगा ना?) बनावत ने कहा- बजट नहीं है, पति ने की 40 लाख की डील बनावत: पिछली बार काम दिया था, उसमें बहुत दिक्कत आई थी। जिला परिषद वाले जल्दी से करते नहीं हैं। सीएम साहब ने हमारे यहां तो आईएएस लगा रखा है। पूछना पड़ेगा। मैं तैयार हूं।
(रिपोर्टर पति ऋषि बंसल के साथ अलग कमरे में चले गए)
रिपोर्टर: पिछली बार जिनको दिया, उनका क्या सिस्टम था?
बंसल: ये तो आपको ही पता रहता है। आपका क्या रहता है?
रिपोर्टर: 30–35% में ही करते हैं। आपको 40% तक दें देंगे।
(बंसल ने सचिन नाम के व्यक्ति को बुलाकर बजट के बारे में पूछा, उन्होंने 40 लाख रुपए बाकी बताया।)
बंसल: 40 लाख का कर देंगे इस बार ही। सीईओ का देख लो।
(बंसल को टोकन के 50 हजार दिए तो उन्होंने लौटा दिए। कहा– अभी ठीक नहीं है, काम होगा तब ले लेंगे।)
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