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एक फोन पर माने सरावगी, 25 दिन बाद आई चिट्ठी:मारवाड़ी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने मिथिलांचल को साधा, 3 बड़े मायने

बिहार भाजपा को संजय सरावगी के रूप में नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। सरावगी दरभंगा शहर सीट से लगातार 6 बार से विधायक चुने जा रहे हैं। इससे पहले वैश्य समाज से आने वाले दिलीप जायसवाल प्रदेश अध्यक्ष थे। वह फिलहाल नीतीश सरकार में मंत्री हैं। भाजपा में एक व्यक्ति, एक पद के नियम के तहत जायसवाल को हटाकर संजय सरावगी को यह जिम्मेदारी दी गई है। 56 साल के सरावगी को भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष क्यों बनाया। कैसे बनाया। जानिए, भास्कर एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में…। पहले कहानी, सरावगी के प्रदेश अध्यक्ष बनने की… 19 नवंबर की देर रात। भाजपा नेताओं के अंदर गहमा-गहमी थी। किसी को पता नहीं था कि कौन नीतीश सरकार में शामिल होगा। एक लिस्ट दिल्ली भेजी गई थी, लेकिन उसे लौटा दिया गया। कहा गया- इसमें जातीय समीकरण, क्षेत्र व युवा-नए चेहरों का ध्यान नहीं रखा गया है। फिर दोबारा एक लिस्ट भेजी गई। 3 पॉइंट में सरावगी को अध्यक्ष क्यों बनाया… 1. मंत्रालय की कमी को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से पाटा संजय मिथिलांचल के बड़े लीडर हैं। यह इलाका NDA का गढ़ माना जाता है। 2025 विधानसभा चुनाव में मिथिलांचल की 46 में से 40 सीटों पर NDA की जीत हुई है, जो 2020 की तुलना में 10 ज्यादा है। हालांकि, इस बार नीतीश सरकार में मिथिलांचल का कोटा आधा हो गया है। पिछली सरकार में इस एरिया के 6 मंत्री थे। 20 नवंबर को बनी नई सरकार में सिर्फ 3 मंत्री पद मिला है। बताया जा रहा है कि भाजपा ने रणनीति के तहत सरावगी को अध्यक्ष बनाकर मंत्रालय के कोटे को मैनेज करने का प्रयास किया है। इसे इस तरह समझे… 2. अपने कोर वोटर पर भरोसा सरावगी वैश्य समाज से आते हैं। इससे पहले के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भी उसी समाज से आते थे। बिहार में बनिया-वैश्य समाज की आबादी 2.31% है। इन्हें भाजपा का कोर वोटर माना जाता है। 2025 विधानसभा चुनाव में वैश्य समाज के 28 विधायक चुनकर आए हैं। 3 मंत्री बने हैं। भाजपा ने सरावगी को बनाकर अपने कोर वोटरों को मैसेज दिया है कि आप हमारी प्राथमिकता में हैं। 3. कार्यकर्ताओं को मैसेज-मेहनत करें, इनाम मिलेगा सरावगी भाजपा में अलग-अलग पदों पर काम करते रहे हैं। वह पार्टी के अनुशासित और समर्पित कार्यकर्ता हैं। लो प्रोफाइल और विवादों से दूर रहने वाले नेता की छवि है। पॉलिटिकल एनालिस्ट प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘भाजपा ने संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी के वर्कर को मैसेज दिया है कि आप चुपचाप काम करते रहे, पद जरूर मिलेगा।’ प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘सम्राट चौधरी को छोड़ दे तो भाजपा ने हमेशा से अपने खांटी कार्यकर्ता को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। इस बार भी उसने समर्पित कार्यकर्ता को ही चुना है। इससे पार्टी वर्कर के अंदर कॉन्फिडेंस बनेगा।’ संगठन के भरोसेमंद और अनुभवी नेता


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