DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

एक एकड़ मड़वा की खेती में 8 से 10 हजार रुपए का होता है खर्च, 60 हजार तक मुनाफा

बासु मित्र ।पूर्णिया मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, रागी, जौ, कोदो, सामा, बाजरा, सांवा, लघु धान्य या कुटकी, कांगनी और चीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इनकी खेती में कम पानी और उर्वरकों की आवश्यकता होती है, जो इसे एक स्थायी विकल्प बनाता है। किसान एक बार फिर से मोटे अनाज यानी मड़वा ज्वार, बाजरा, रागी आदि की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। बनमनखी प्रखंड के खुटहरी के किसान अखिलेश कुमार ऑर्गेनिक तरीके से मड़वा की खेती कर किसानों को मोटे अनाज के लिए प्रेरित कर रहे हैं। अन्य किसान भी अखिलेश की खेती को देख कर श्रीअन्न की खेती के लिए प्रेरित हो रहे हैं। मड़वा की खेती करने वाले किसान अखिलेश बताते हैं कि पहले व्यापक पैमाने पर मोटे अनाज की खेती होती थी। लेकिन धीरे-धीरे किसान इसकी जगह धान-मक्का और अन्य फसलों की खेती करने लगे। जबकि मड़वा स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। मेरे यहां भी पहले इसकी खेती काफी होती थी। पहले तो खुद के खाने के लिए वे छोटे स्तर पर मड़वा की खेती करते थे ।लेकिन अब आधा एकड़ में इसकी खेती कर रहे हैं। जिसे आगे और बढ़ाने की योजना है। वे बताते हैं कि वह पूरी तरह से ऑर्गेनिक तरीके से मड़वा की खेती करते हैं । वे बताते हैं कि मोटे अनाज कम पानी में भी उगाए जा सकते हैं, जिससे पानी की बचत होती है। यह पोषण से भरपूर होते हैं और स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। उन्होंने बताया कि एक एकड़ मड़वा की खेती में 8 से 10 हजार रुपए का खर्च होता है । जबकि बिना किसी रसायनिक उर्वरक के इस्तेमाल से 6 क्विंटल उपज हो जात है। वे बताते हैं कि मार्केट में अभी इसकी डिमांड काफी ज्यादा है। घर बैठे यह आसानी में 100 रुपए प्रतिकिलो की दर से आसानी से बिक जाता है। मड़वा की खेती का सबसे अधिक फायदा यह है कि इसमें खर्च कम आता है। अखिलेश बताते हैं कि पहले वह अकेले ही मड़वा की खेती करते थे।अब उन्हें देख कर अन्य किसान भी मड़वा की खेती के लिए प्रेरित हो रहे हैं।किसान आकर उनसे मड़वा की खेती की न सिर्फ जानकारी बल्कि खेती भी करना शुरू कर चुके हैं। मड़वा की खेती किसानों के आय का बेहतर साधन हो सकता है। इस फसल से किसान धान से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। वहीँ कृषि समन्वयक प्रेम प्रकाश बताते हैं कि विभाग द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से किसान अब मोटे अनाज की खेती के प्रति अधिक रुचि दिखा रहे हैं। इससे न केवल उनकी आय बढ़ने की संभावना है । अन्य किसान भी हो रहे हैं प्रेरित


https://ift.tt/G1NoQa2

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *