भास्कर न्यूज| पूर्णिया परमात्मा की भक्ति किए बिना शरीर रूपी बंधन से नहीं छूट सकते हैं। परमात्मा की भक्ति से ही मुक्ति मिल सकती है। मुक्ति मिल गई तो ठीक है नहीं तो 84 लाख योनियों में फिर से भटकना पड़ेगा। संत सद्गगुरू से दीक्षा लेकर उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए, जिससे जीवन का कल्याण होगा। परमात्मा की कृपा से मनुष्य शरीर मिला है जो देव दुर्लभ है। इतना उत्तम शरीर पाकर भी अगर हमलोग ईश्वर भजन, सत्संग नहीं करेगें तो परमात्मा की प्राप्ति नहीं होगी। उक्त प्रवचन संत सदगुरू महर्षि मेंहीं परमहंसजी महाराज के शिष्य पूज्य रामचंद्र बाबा साप्ताहिक सत्संग के अवसर पर संतमत सत्संग आश्रम नेवालाल चौक में दी। उन्होंने कहा कि सत्संग के माध्यम से संत महात्मा समाज में धर्म की रक्षा, लोगों को आध्यात्म पथ पर चलने के प्रति जागरुक करने काम करते हैं। समाज के लोग ईमानदार हो जाय तो समाज में फैली बुराइयां आदि दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि धर्मग्रंथो में इस बात की चर्चा है कि भगवान राम, भगवान कृष्ण सत्संग के माध्यम से लोगों को सद्ज्ञान, उपदेश देते थे। आज संत महात्मा समाज में यही कर रहे हैं।
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