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उत्तराखंड में गंगोत्री हाईवे परियोजना के खिलाफ RSS:एनवायरमेंटलिस्ट बोले- 7 हजार देवदार के पेड़ कटेंगे, मां गंगा सूख जाएगी, बर्फबारी नहीं होगी

उत्तराखंड में केन्द्र और राज्य सरकार की महत्त्वकांक्षी गंगोत्री हाईवे परियोजना यानी ऑल वेदर रोड के खिलाफ संघ यानी RSS खुलकर विरोध में आ गया है। RSS के सह-सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल और भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने परियोजना के तहत 7 हजार देवदार के पेड़ों को काटने का विरोध किया है। इसके बाद रविवार को उत्तरकाशी के हर्षिल में 100 से ज्यादा लोगों ने देवदार के पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधा। इसको समर्थन देने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी पहुंचे। इसी दौरान वरिष्ठ पत्रकार राहुल कोटियाल ने भी देवदार के पेड़ में रक्षा सूत्र बांधा। एनवायरमेंट एक्सपर्ट आयुष जोशी ने बताया कि ये पेड़ भागीरथी इकोनॉमिक सेंसेटिव जोन में काटे जाएंगे, जिससे गंगा का पानी सूख जाएगा। इसका असर पूरे उत्तर भारत में देखने को मिलेगा और बर्फबारी में कमी दर्ज की जाएगी। इसी साल नवंबर में उत्तराखंड के हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्सेज के एक लेटर के अनुसार, ऑल वेदर रोड के कारण 41.92 हेक्टेयर वन क्षेत्र का नुकसान होगा, जिसमें कई देवदार के पेड़ भी शामिल हैं। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि 900 किलोमीटर लंबी परियोजना में कुल 56 हजार से ज्यादा पेड़ काटे जाने थे, जिनमें से लगभग 36,000 पेड़ पहले ही काटे जा चुके थे। घटना के PHOTOS… सिसिलेवार ढंग से पढ़िए पूरी खबर… 12 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च हो रहे केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर उत्तराखंड में 889 किलोमीटर लंबा एक महत्वाकांक्षी राजमार्ग नेटवर्क बनाना चाहती है, जिसका उद्देश्य यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे चार प्रमुख तीर्थ स्थलों को साल भर रोड कनेक्टिविटी से जोड़ना है, ताकि मानसून या बर्फबारी के दौरान भी यात्रा सुरक्षित और सुगम हो सके, जिससे पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले। इस परियोजना में पुरानी सड़कों को चौड़ा करना (लगभग 10-12 मीटर तक), उन्हें पक्का करना और भूस्खलन जैसी समस्याओं से बचाने के लिए मॉडर्न तकनीकी का उपयोग करना शामिल है। जिसे दिसंबर 2016 से शुरू किया गया था। जिसके के लिए 12,769 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। विरोध क्यों हो रहा है? चार धाम परियोजना की हाई पावर कमेटी के सदस्य डॉ. हेमंत ध्यानी ने बताया कि इस परियोजना के तहत गंगोत्री घाटी और हर्षिल घाटी के हजारों देवदार के पेड़ों को कटा जाना है। पेड़ों की कटाई से इस इलाके को होने वाले दीर्घकालिक नुकसान की परतें उजागर करती है। उनका दावा है कि 900 किलोमीटर की ऑल-वेदर रोड परियोजना में लगभग 800 किलोमीटर तक पहाड़ कट चुके हैं और इससे उत्तराखंड और यहां के पर्यावरण को बहुत नुकसान हुआ है। वैज्ञानिक सरकार को बता चुके हैं कि बिना पेड़ काटे भी हाईवे चौड़ा किया जा सकता है और इस तरह लगभग 90% नुकसान रोका जा सकता है। उनका कहना है कि यदि बचे हुए लगभग 100 किलोमीटर में भी कटान हुआ तो यह इको-सेंसिटिव इलाके के लिए विनाशकारी साबित होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय हाई पावर कमेटी ने उत्तरकाशी से भैरव घाटी तक 12 मीटर चौड़ी करण प्रस्तावित किया था लेकिन अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क चौड़ीकरण को एक मीटर घटाने का निर्णय लिया यानी 12 मीटर से घटाकर 11 मीटर तक ही चौड़ी की होगी। डॉ. हेमंत ध्यानी बोले- उत्तरकाशी से लेकर गंगोत्री तक 7 हजार पेड़ कटेंगे डॉ. हेमंत ध्यानी ने बताया कि मौजूद हिंदुओं को पवित्र धाम गंगोत्री तक सरकार फोर लेन का हाईवे बनाना चाहती है। उत्तरकाशी से लेकर गंगोत्री तक का करीब 110 किलोमीटर का हिस्से में लगभग 7 हजार देवदार के पेड़ों को काटने पर सरकार मुहर लगा चुकी है। पर इसके खिलाफ अब वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों ने एक बड़ा आंदोलन छेड़ने जा रहे हैं। भैरवघाटी के बीच देवदार के जंगलों को राखी बांधने जा रहे हैं। इस आंदोलन में भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री मुरली मनोहर जोशी, वैज्ञानिक डॉ. नवीन जुयाल, पर्यावरणविद रवि चोपड़ा, डॉ. सत्यकुमार व जम्मू-कश्मीर के पूर्व सांसद डॉ. करन सिंह, चार धाम परियोजना की हाई पावर कमेटी के सदस्य डॉ. हेमंत ध्यानी सहित सैकड़ों विशेषज्ञ व स्थानीय लोग शामिल होने जा रहे हैं। ऑल वेदर परियोजना ने पर्यावरण बर्बाद किया। धराली आपदा के बाद विरोध तेज
इस साल धराली में आई प्राकृतिक आपदा के बाद हाईवे चौड़ीकरण का स्थानीय स्तर पर विरोध तेज हो गया है। स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता कल्पना ठाकुर के अनुसार, धराली की आपदा पूरे देश के साथ हर्षिल घाटी के लोगों के लिए भी प्रकृति का संदेश है। इसलिए अब हम नहीं चाहते कि यहां देवदार के 7 हजार पेड़ों को काटा जाए। इसके बजाए सरकार को वैज्ञानिकों की उस रिपोर्ट के आधार पर काम करना चाहिए, जिसमें सड़क चाैड़ीकरण के नए सुझाव दिए गए हैं। कर्नल कोठयािल बोले- धराली में 62 नहीं 147 लोगों की मौत हुई उत्तराखंड के भाजपा नेता और पूर्व सैनिक कल्याण सलाहकार समिति के अध्यक्ष रिटार्यड कर्नल अजय कोठियाल ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान धराली आपदा को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि धराली आपदा में 62 नहीं बल्कि 147 लोग मलबे में दबे हुए हैं। उन्होंने का कि अब तक एक भी दबे आदमी का शव नहीं निकाला जा सका है।


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