ईरान में बढ़ती महंगाई और मुद्रा संकट के खिलाफ सोमवार को हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। यह पिछले तीन साल में सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया जा रहा है। हालात की गंभीरता के बीच सेंट्रल बैंक के प्रमुख मोहम्मद रजा फरजिन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राजधानी तेहरान के सादी स्ट्रीट और ग्रैंड बाजार इलाके में व्यापारियों और दुकानदारों ने प्रदर्शन किया। कई जगहों पर दुकानें बंद रहीं, जिससे कारोबार ठप हो गया। चश्मदीदों के मुताबिक, इस्फहान, शिराज और मशहद जैसे बड़े शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शन उस वक्त तेज हुए जब ईरान की मुद्रा रियाल डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। इससे खाने-पीने की चीजों और रोजमर्रा के सामान की कीमतें और बढ़ गईं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में महंगाई दर 42 फीसदी से ज्यादा रही, जबकि खाने की चीजों की कीमतें 70 फीसदी से अधिक बढ़ चुकी हैं। ईरान में प्रदर्शन की तस्वीरें… तीन साल में सबसे बड़ा प्रदर्शन ये प्रदर्शन 2022 के बाद सबसे बड़े माने जा रहे हैं। उस समय 22 साल की महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद पूरे देश में आंदोलन भड़क गया था। उन्हें हिजाब ठीक से न पहनने के आरोप में मोरैलिटी पुलिस ने पकड़ा था। सोमवार को तेहरान के कुछ इलाकों में हालात काबू से बाहर होने पर पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को हटाया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। ईरान की करेंसी रियाल में ऐतिहासिक गिरावट रविवार को ईरान की मुद्रा 1 डॉलर के मुकाबले 14.20 लाख रियाल तक गिर गई थी। सोमवार को इसमें हल्का सुधार हुआ और यह 13.80 लाख रियाल प्रति डॉलर पर पहुंची। करेंसी में तेज गिरावट से महंगाई और बढ़ गई है। खाने-पीने की चीजें और रोजमर्रा का सामान लगातार महंगा हो रहा है। हाल में पेट्रोल की कीमतों में बदलाव से हालात और बिगड़ने की आशंका है। कई एक्सपर्ट्स इसे हाइपरइन्फ्लेशन (अत्यधिक महंगाई) की तरफ बढ़ने का संकेत मान रहे हैं। ईरानी मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार 21 मार्च से शुरू होने वाले नए ईरानी साल में टैक्स बढ़ा सकती है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है।
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