भास्कर न्यूज | मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच की इमरजेंसी सेवा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। मंगलवार की देर रात इमरजेंसी में भर्ती एक मरीज का बीएचटी (बेड हेड टिकट) अचानक गायब हो जाने से करीब चार घंटे तक इलाज पूरी तरह बाधित रहा। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही मरीज की जान के साथ खिलवाड़ जैसी स्थिति पैदा कर रही है। बोचहां थाना क्षेत्र के विशनपुर खेतल गांव निवासी मो. दुलारे ने बताया कि उनकी पत्नी रहीसा खातून को मंगलवार की देर रात सीने में तेज दर्द की शिकायत थी। िजसके बाद उसे एसकेएमसीएच की इमरजेंसी में भर्ती कराकर इलाज शुरू कराया गया था। रात में भर्ती के बाद कुछ जांच एवं दवाइयां दी गईं, लेकिन सुबह जब डॉक्टरों ने बीएचटी मांगा तो वह फाइल नदारद मिली। परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड में घंटों बीएचटी की तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इलाज लगभग चार घंटे तक रुका रहा। मो. दुलारे के अनुसार जब उन्होंने इस समस्या की शिकायत अस्पताल अधीक्षक से की, तो उन्हें समाधान के बजाय कंट्रोल रूम भेज दिया गया। वहां से यह कह दिया गया कि नया पुर्जा कटवा लीजिए। एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. सतीश कुमार ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली थी। परिजनों को बीएचटी खोजने के लिए कंट्रोल रूम भेजा गया है। यदि बीएचटी नहीं मिलता है तो नया पुर्जा कटवाकर इलाज आगे बढ़ाया जाएगा। सुबह से कई अन्य मरीजों के बीएचटी भी गायब मो. दुलारे ने आरोप लगाया कि एसकेएमसीएच में यह कोई पहली घटना नहीं है। कहा कि “मेरे साथ ही नहीं, बल्कि सुबह से कई अन्य मरीजों के बीएचटी भी गायब थे।
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