इथियोपिया के हैली गुब्बी ज्वालामुखी में करीब 12 हजार साल बाद विस्फोट हुआ है। इस विस्फोट से उठा राख का विशाल गुबार अब उत्तर भारत की ओर बढ़ रहा है। यह ज्वालामुखी इथियोपिया के एर्ता अले पर्वत श्रृंखला में स्थित है। रविवार को हुए विस्फोट के बाद राख का गुबार लाल सागर को पार कर पूर्व की ओर ओमान और यमन की ओर गया। इसे लेकर स्पाइसजेट और अकासा एयरलाइंस ने अलर्ट जारी किया है। जबकि, कोच्चि से जेद्दा और दुबई जाने वाली उड़ानें सावधानी के तौर पर रद्द की गई हैं। रद्द की गई उड़ानों में इंडिगो की सेवा 6ई1475 (कोच्चि दुबई) और अकासा एयर की उड़ान क्यूपी 550 (कोच्चि जेद्दा) शामिल हैं। एयरपोर्ट प्राधिकरण का कहना है कि हालात सामान्य होने पर उड़ान संचालन फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
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एक भारतीय एयरलाइन के विमान को अबू धाबी में दे उतारकर उसके इंजनों की गहन जांच की गई है। कोच्चि हवाईअड्डे से जेद्या और दुबई जाने वाली दो उड़ानों को रद्द किया गया है। एयरलाइंस ने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा दिशानिर्देशों के मुताबिक रूट बदल रही हैं। अकासा एयर ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और स्थिति का लगातार मूल्यांकन जारी है। मौसम एजेंसी इंडियामैट स्काई वेदर के अनुसार, राख की धुंध 100-120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर पूर्व की तरफ जा रही है। पहले गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान को प्रभावित करेगी। इसके बाद यह उत्तर पूर्व राजस्थान से होते हुए दिल्ली, हरियाणा, पंजाब को भी ढक सकती है।
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ताजा अपडेट
1.राख का बादल भारत में प्रवेश कर गया: शाम 6.30 बजे यह राख का गुबार राजस्थान में प्रवेश कर गया और 100-120 किमी/घंटा की गति से गुजरात, दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में तेज़ी से फैल गया।
2. उड़ानों में व्यवधान शुरू: इंडिगो ने कम से कम छह उड़ानें रद्द कर दीं और अकासा एयर ने 24-25 नवंबर के लिए जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी के लिए अपनी सेवाएँ निलंबित कर दीं। कई अन्य उड़ानों का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया।
3. डीजीसीए ने एएसएचटीएम अलर्ट जारी किया: भारत के विमानन नियामक ने एक तत्काल एएसएचटीएम – ज्वालामुखीय राख अलर्ट – जारी किया है, जिसमें एयरलाइनों को प्रभावित ऊँचाई से बचने और ज्वालामुखीय राख संबंधी प्रक्रियाओं का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
4. हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों के कारण मार्ग परिवर्तन: अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइनों ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के माध्यम से उड़ानों का मार्ग परिवर्तन शुरू कर दिया है, लेकिन भारतीय एयरलाइनें उन मार्गों का उपयोग नहीं कर सकती हैं, जिससे रद्दीकरण और देरी बढ़ रही है।
5. आईएमडी ने सतह पर बड़े प्रभाव की संभावना से किया इनकार: आईएमडी के महानिदेशक एम. महापात्रा ने कहा कि 10-15 किलोमीटर की ऊंचाई पर उठे धुएं से सतह की वायु गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है, हालांकि आसमान में धुंध छाने और न्यूनतम तापमान में मामूली वृद्धि की उम्मीद है।
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