इंडिगो की फ्लाइट्स में बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन और देरी के बाद फ्लाइट्स का किराए में उछाल देखने को मिला था। यात्रियों को ऑप्शनल फ्लाइट्स की तलाश में सामान्य से दस गुनी कीमत पर टिकट खरीदने पड़ रहे थे। सरकार ने शनिवार को शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सभी फ्लाइट्स के लिए फेयर-कैप्स यानी अधिकतम किराया सीमा तय कर दी। सरकार ने कहा कि अब सभी एयरलाइन्स इससे ज्यादा किराया नहीं ले सकती। यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी, जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते। सरकार का कहना है कि इस कदम का मकसद एयरफेयर में अनियमितता रोकना, बाजार में प्राइसिंग डिसिप्लिन बनाए रखना और संकट में फंसे यात्रियों का शोषण रोकना है। खास तौर पर सीनियर सिटिजन्स, स्टूडेंट्स और मरीजों को इस दौरान ज्यादा किराया न देना पड़े, इसे सुनिश्चित करने के लिए ये फैसला लिया गया है। सरकार ने कहा कि इस आदेश के बाद कोई भी एयरलाइन इस संकट का फायदा उठाकर टिकट कीमतें मनमाने तरीके से नहीं बढ़ा सकती। सरकार ने अधिकतम किराया सीमा को जारी भी किया है। हालांकि ये सीमा बिजनेस क्लास के लिए लागू नहीं होगी। 10 गुना तक कीमत में मिल रहे थे टिकट बुकिंग साइट MakeMyTrip के अनुसार, 6 दिसंबर को दिल्ली से बेंगलुरु की सबसे सस्ती फ्लाइट की कीमत 40,000 रुपए से ज्यादा है, जबकि कुछ फ्लाइट्स का किराया 80,000 रुपए तक हैं। दिल्ली से मुंबई की फ्लाइट का न्यूनतम किराया 36,107 रुपए और अधिकतम 56,000 रुपए है। वहीं दिल्ली-चेन्नई की देर रात की फ्लाइट्स का किराया 62,000 से 82,000 रुपए तक पहुंच गया।
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