मार्च 2025, भवन निर्माण विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर तारिणी दास और संयुक्त सचिव मुमुक्षु चौधरी के ठिकानों पर ED की रेड पड़ी। तारिणी के घर से 7 करोड़ रुपए मिले। ED ने पूछा तो कहा- पता नहीं किसके हैं। मुमुक्षु चौधरी के घर से 2 करोड़ रुपए मिले। सरकार की ट्रेजरी में जमा ये 9 करोड़ रुपए किसके हैं? 8 महीने बाद भी इस सवाल का जवाब नहीं मिला है। अब SVU (स्पेशल विजिलेंस यूनिट) एक मंत्री के करीबी तारणी और मुमुझु से पूछताछ करेगी। पैसा कहां से आया? किसे पहुंचा रहे थे? जैसे 8 सवाल करेगी। संडे बिग स्टोरी में जानिए, क्यों तारिणी दास और मुमुक्षु चौधरी के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने जा रहा है? SVU की FIR मामले में अब क्या होगा? तारिणी दास और मुमुक्षु चौधरी से SVU करेगी पूछताछ SVU के अधिकारियों ने टेंडर घोटाले से जुड़े तारिणी दास और मुमुक्षु चौधरी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। दोनों के खिलाफ अलग-अलग FIR दर्ज की है। पहला फोकस यह पता लगाना है कि 9 करोड़ रुपए किसके हैं। एजेंसी से जुड़े सूत्रों की मानें तो बहुत जल्द दोनों से अलग-अलग पूछताछ होगी। तारिणी और मुमुक्षु पर सरकारी नौकरी में रहते हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन (PC) एक्ट के तहत पटना स्थित SVU थाना में मुमुक्षु चौधरी के खिलाफ FIR नंबर 24/25 तो तारणी दास के खिलाफ FIR नंबर 25/25 दर्ज की गई है। पहले PMLA के तहत ED ने की थी कार्रवाई यह पूरा मामला बिहार के चर्चित टेंडर घोटाले से जुड़ा है। इसका कनेक्शन ठेकेदार रिशुश्री से है। दरअसल, करोड़ों रुपए के टेंडर घोटाला की बात सामने आने के बाद ED ने मार्च में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया था। ED ने सबसे पहले ठेकेदार रिशुश्री पर शिकंजा कसा। जांच एजेंसी के अनुसार रिशुश्री ने पूछताछ के दौरान मददगार अधिकारियों के नाम बताए थे। इसमें तारणी दास और मुमुक्षु चौधरी समेत कुछ अन्य अधिकारियों के नाम सामने आए। रिशुश्री ने स्वीकार किया था कि ठेका दिलाने के बदले इन अधिकारियों को कमीशन दिए। पूछताछ में मिले क्लू के आधार पर मार्च में तारिणी दास व मुमुक्षु चौधरी समेत 7 अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। 4 मशीनों से 8 घंटे में हुई थी कैश की गिनती ED ने अपनी कार्रवाई के दौरान कुल 11.64 करोड़ रुपए कैश जब्त किया था। 7 करोड़ रुपए तारिणी दास तो करीब 2 करोड़ रुपए मुमुक्षु चौधरी के ठिकानों से जब्त किए गए थे। तारिणी के पटना स्थित घर पर नोटों की गिनती के लिए 4 मशीन मंगवाई गई थी। नोट गिनने में ED की टीम को 8 घंटे लगे थे। इसके अलावा छापेमारी के दौरान खरीदे गए कई प्रॉपर्टी से जुड़े डॉक्यूमेंट्स, रिश्वत के लेन-देन से संबंधित डॉक्यूमेंट्स और डिजिटल एविडेंस जब्त किए गए थे। ED ने SVU को लिखा था लेटर ED ने अपनी कार्रवाई के दौरान तारिणी दास और मुमुक्षु चौधरी से एक-एक कर पूछताछ की थी। जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों की मानें तो दोनों ने इस बात से साफ इनकार किया था कि बरामद कैश उनका है। कुछ महीनों की पड़ताल के बाद ED ने इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग FIR दर्ज करने के लिए SVU को पत्र लिखा था। इसी आधार SVU ने नया केस दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है। तारिणी दास के खिलाफ ED ने कार्रवाई की थी। विभाग द्वारा जांच एजेंसी से इस संबंध में डॉक्यूमेंट्स मांगे गए थे। ये अभी तक मिले नहीं हैं। मिलने पर नियमानुसार विभाग जांच कर कार्रवाई करेगी।- कुमार रवि, सचिव, भवन निर्माण विभाग। 3 तरीके से काली कमाई करते हैं इंजीनियर-अधिकारी टेंडर घोटाले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही बड़े सरकारी अधिकारी और इंजीनियर की काली कमाई करने के तरीके सामने आ रहे हैं। ऐसे तीन तरीके हैं… 1- टेंडर पास कराना है तो पैसा दीजिए अधिकारी कमीशन लेकर टेंडर पास करते हैं। रेट 4-6% तक या इससे अधिक भी हो सकता है। 2- बिल पास करने के लिए रिश्वत पैसे कमाने का दूसरा तरीका है बिल अटकाना। इंजीनियर और अधिकारी ठेकेदारों के बिल अटकाते हैं। उन्हें पास करने के बदले 2-5% तक कमीशन लेते हैं। 3- पसंद की कंपनी से रॉ मटेरियल खरीदवाना अधिकारी ठेकेदार से अपनी पसंद की कंपनी और दुकान से रॉ मटेरियल खरीदवाते हैं। संबधित कंपनी या दुकानदार से कमीशन लेते हैं। क्या है टेंडर घोटाला? बिहार का टेंडर घोटाला, बड़े सरकारी अधिकारियों द्वारा किए गए रिश्वतखोरी से जुड़ा है। इस मामले में सीनियर IAS अधिकारी संजीव हंस, योगेश कुमार सागर और अभिलाषा शर्मा समेत कई अधिकारी जांच का सामना कर रहे हैं। तारिणी दास और मुमुक्षु चौधरी भी इनमें शामिल हैं। संजीव हंस अभी जेल में हैं। मुख्य आरोपी के रूप में ठेकेदार रिशुश्री का नाम आया है। आरोप है कि रिशुश्री ने बड़े सरकारी अधिकारियों के लिए दलाली की। इन्हें रिश्वत के रूप में पैसे या दूसरी सुविधाएं दिलाई। इसके बदले बड़े-बड़े ठेकेदारों के टेंडर पास कराए। कौन है ठेकेदार रिशुश्री? ठेकेदार रिशुश्री का पूरा नाम रिशु रंजन सिन्हा है। इसके खिलाफ SVU ने FIR दर्ज की है। आरोप है कि रिशु सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच दलाली करता है। रिशु के संबंध बिहार के कई बड़े अधिकारियों से हैं। वह टेंडर घोटाला केस में ईडी की जांच के घेरे में है। कौन हैं तारिणी दास? तारिणी दास भवन निर्माण विभाग में चीफ इंजीनियर थे। 31 अक्टूबर 2024 को रिटायर हुए। सरकार ने 9 दिन बाद 9 नवंबर 2024 को दो साल का सेवा विस्तार दिया। 27 मार्च 2025 को उनके घर पर ED ने छापा मारा और अकूत संपत्ति जब्त की। आरोप है कि तारिणी ने ठेके देने के बदले जमकर रिश्वत लिए। इसके बाद सरकार ने उनका कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल कर दिया। कौन हैं मुमुक्षु चौधरी? वित्त विभाग में संयुक्त सचिव रहे मुमुक्षु चौधरी मूल रूप से नालंदा के हैं। पहले सीतामढ़ी और सहरसा में म्युनिसिपल कमिश्नर थे। भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते जांच के दायरे में हैं। आरोप है कि रिशुश्री से रिश्वत ली और करोड़ों रुपए के ठेके दिए। क्या है SVU, करती है क्या काम? SVU (स्पेशल विजिलेंस यूनिट) बिहार पुलिस की खास यूनिट है। इसका काम सरकारी अधिकारियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की जांच करना है। SVU द्वारा अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति की भी जांच की जाती है। ED जैसी केंद्रीय एजेंसी के अनुरोध पर भी SVU द्वारा जांच और FIR की जाती है।
https://ift.tt/kbAZ4nT
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply