बिहार चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने खुलकर पहली बार गठबंधन को लेकर बयान दिया है। पार्टी के सीनियर नेता और पूर्व विधायक शकील अहमद खान ने राजद के साथ गठबंधन का कोई लाभ नहीं है। जब बिहार के लीडरशिप दिल्ली गए थे, तब यह बातें कही गई थी। बिहार कांग्रेस के बड़े नेता ने कहा कि जिस काम में लाभ नहीं उसे छोड़ देना चाहिए। राष्ट्रीय जनता दल के साथ हमारा गठबंधन रहा है, लेकिन उसमें अब हमें कोई लाभ नहीं है। चुनाव में हार का वह हमें ही दोषी मान रहे हैं। वे अभी भी कह रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी की वजह से हार गए हैं। यह गलत बात है। जब हम लोग मिलकर साथ लड़े हैं तो मिलकर ही हमें हार की भी जिम्मेदारी उठानी चाहिए। 1990 वाला दम वापस लाना होगा शकील अहमद खान ने आगे कहा कि जितने भी वरिष्ठ नेता हैं और जितने लोगों ने भी चुनाव लड़ा है, उन्होंने कहा है कि हम लोगों का जो वोट परसेंटेज है। समाज और वर्ग का वोट हमें राजद के साथ रहने में नहीं मिल पाता है। यह सारी बातें कांग्रेस के लीडरशिप को भी कही गई है। मगर अब कहने से कुछ नहीं होगा। बिहार में हमें एक मजबूत संगठन खड़ा करना होगा। जनता को राहत देने वाले काम करने पड़ेंगे। बिहार सरकार के एंटी पीपल पॉलिसी के खिलाफ जन आंदोलन पर जाना पड़ेगा। आंदोलन और संघर्ष के गर्भ से ही पार्टी मजबूत होगी। कांग्रेस को 1990 वाला दम वापस लाना होगा। दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर गंभीर मंथन कांग्रेस नेता ने कहा कि महागठबंधन का हिस्सा रहते हुए कांग्रेस लगातार अपना राजनीतिक स्पेस खोती जा रही है। सीट बंटवारे से लेकर चुनावी रणनीति तक कांग्रेस की भूमिका सीमित कर दी गई। इसका नतीजा यह रहा कि न पार्टी की सीटें बढ़ीं, न ही वोट प्रतिशत में ठोस इजाफा हुआ। हालिया विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर गंभीर मंथन हुआ। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी समेत वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में बिहार के सभी 60 कांग्रेस प्रत्याशियों और वरिष्ठ नेताओं की राय ली गई। समीक्षा में यह निष्कर्ष सामने आया कि जिस गठबंधन से पार्टी को राजनीतिक बढ़त नहीं मिल रही, उसके साथ बने रहना आत्मघाती होगा।
https://ift.tt/hZG0IVB
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply