सहरसा के नौहट्टा नगर पंचायत स्थित एक आदिवासी टोला में भाई की शादी के अवसर पर एक साधारण झोपड़ीनुमा घर को कलात्मक रूप दिया गया है। आदिवासी बच्ची बेरून कुमारी ने अपनी कला से इस घर को एक प्रदर्शनी में बदल दिया है। बेरून कुमारी सातवीं कक्षा की छात्रा है जो मधेपुरा जिले ग्वालपाड़ा स्थित एक निजी स्कूलों में पढ़ाई करती है। ऐसे मे 21 दिसम्बर को अपने भाई की शादी में शामिल होने के लिए हॉस्टल से घर आई थीं। हॉस्टल में उन्होंने पेंटिंग और ड्राइंग सीखी है। उन्होंने भाई की शादी को विशेष बनाने के लिए घर की मिट्टी की दीवारों पर प्राकृतिक चित्र उकेरने का निर्णय लिया। साधारण झोपड़ी अब एक कला प्रदर्शनी का रूप ले चुकी दीवारों पर पेड़-पौधे, फूल, पक्षी और विभिन्न प्राकृतिक दृश्य बनाए गए हैं। यह साधारण झोपड़ी अब एक कला प्रदर्शनी का रूप ले चुकी है। गांव के लोग, रिश्तेदार और शादी में आए मेहमान इन पेंटिंग्स की सराहना कर रहे हैं। शादी के अवसर पर घर को विशेष रूप देने का निर्णय लिया बेरून ने बताया कि उन्होंने शादी के अवसर पर घर को विशेष रूप देने का निर्णय लिया। इस कार्य में उनके भाई ने भी पूरा सहयोग किया। जब घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं, तब भाई-बहन मिलकर दीवारों पर कलाकारी को अंतिम रूप दे रहे थे। भाई की शादी 21 दिसंबर को होनी है। गांव के लोगों का मानना है कि आदिवासी बच्चियों में प्रतिभा की प्रचुरता है, उन्हें केवल उचित मंच और अवसर की आवश्यकता है। बेरून कुमारी की यह कला दर्शाती है कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की बेटियां भी अपनी प्रतिभा से समाज में योगदान दे सकती हैं। भाई की शादी में बहन की यह कला अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है।
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