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आत्मदाह मामले के डेढ़ साल,परिवार ने न्याय की गुहार लगाई:मुजफ्फरपुर में पीड़ित परिवार पहुंचा डीएम ऑफिस, कहा- जमीन मिली, वो भी विवादित निकली

मुजफ्फरपुर में कलेक्ट्रेट परिसर में आत्मदाह की घटना को अब डेढ़ साल बीत चुके हैं। लेकिन पीड़ित परिवार आज भी न्याय और प्रशासनिक कार्रवाई का इंतजार कर रहा है। शुक्रवार को मृतक बिंदालाल गुप्ता की पत्नी किशोरी देवी, बेटा और अन्य परिजन फिर एक बार जनता दरबार पहुंचे और जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई। परिजनों का आरोप है कि घटना के बाद सरकार की ओर से आवंटित जमीन पर कब्जा अब तक नहीं मिला। नामजद आरोपियों पर भी किसी तरह की प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। परिजनों ने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वह फिर से आंदोलन करने को मजबूर होंगे। 4 जुलाई 2024 को मुजफ्फरपुर समाहरणालय परिसर में बिंदालाल गुप्ता ने पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया था। गंभीर रूप से झुलसने के बाद उन्हें एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया।कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई। घटना ने स्थानीय प्रशासन व शासन स्तर पर सवाल खड़े कर दिए थे। एफआईआर हुई, लेकिन कार्रवाई नहीं परिजनों का आरोप 7 जुलाई को मृतक की पत्नी किशोरी देवी के बयान पर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले में कांटी निवासी संजय राम, पप्पू राम और उनके बेटों को नामजद आरोपी बनाया गया था। परिवार का आरोप है कि एफआईआर होने के बावजूद किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई न जांच में तेजी आई न चार्जशीट दाखिल हुई न केस में कोई प्रगति देखी गई। परिजनों के अनुसार, यह पूरा विवाद जमीन को लेकर था। सरकार ने दी जमीन, लेकिन वह भी विवादित निकली आत्मदाह घटना के बाद प्रशासन ने पीड़ित परिवार को दामोदरपुर में 3 डिसमिल जमीन आवंटित की थी। किशोरी देवी बताती हैं- “हमें लगा अब इंसाफ मिल गया, हमने अपने जीवन का जमा धन और उधारी लेकर घर बनाना शुरू किया। पिलर तक निर्माण करवा दिया, पर तभी जमीन पर दूसरे व्यक्ति ने दावा कर लिया।” परिवार का कहना है कि निर्माण के दौरान राकेश मेहता नाम के व्यक्ति ने जमीन पर दावा करते हुए अदालत में मामला दायर किया और कोर्ट के आदेश के बाद निर्माण रोक दिया गया। निर्माण के सामान भी चोरी हुए जमीन विवाद शुरू होने के बाद निर्माण स्थल पर रखा- सीमेंट, ईंट, गिट्टी, सरिया, बालू अन्य निर्माण सामान जिसकी कीमत लाखों रुपए बताई जा रही है, चोरी हो गई। लेकिन, इस चोरी के मामले में भी न बरामदगी हुई, न FIR में प्रगति हुई है। परिजनों का आरोप है कि उन्हें न सुरक्षा मिली, न न्याय मिला है। परिवार का दर्द जनता दरबार में छलका डीएम कार्यालाय के जनता दरबार में उपस्थित होकर मृतक की पत्नी किशोरी देवी ने रोते हुए कहा- “दो साल हो गए साहब… न जमीन मिल पाई, न न्याय मिला। हम दर-दर भटक रहे हैं। मेरे पति ने न्याय के लिए जान दे दी थी, लेकिन आज भी हमारा केस फाइलों में बंद है। ”मृतक के पोते राजकुमार ने कहा- “सरकार ने जमीन दी थी, लेकिन वह भी विवादित निकली। लाखों का नुकसान हो गया, लेकिन किसी को फर्क नहीं पड़ा। अपराधी खुले घूम रहे हैं और हम बेघर हैं। परिजनों ने जिलाधिकारी से विवादित जमीन पर दखल और कब्जा दिलाए जाने की मांग की। निर्माण सामग्री चोरी मामले में बरामदगी और गिरफ्तारी की मांग की है।


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