आजमगढ़ में इंडसइंड बैंक के सेवा वितरण प्रबंधक अमरनाथ उपाध्याय के खिलाफ कोतवाली में एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा बैंक के शाखा प्रबंधक उमाकांत यादव ने दर्ज कराया है। शिकायती में उमाकांत यादव ने आरोप लगाया कि बैंक कर्मचारी दीनदयाल उपाध्याय ने फिक्स्ड डिपॉजिट करने के बहाने ग्राहकों के खाते से करोड़ों की ठगी की। दीनदयाल उपाध्याय ने अलग-अलग दिनों में 15 लाख 27 हजार 500 रुपए को अपने अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिया। उन्होंने 2.5 लाख रुपए वापस किए, लेकिन शेष 12 लाख 77 हजार 500 रुपए वापस नहीं किए। मुकदमे के पीड़ित बृजेश सैनी ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन बेचकर जो पैसा मिला, वह बैंक में जमा किया था। दीनदयाल उपाध्याय उन्हें बैंक और उनके काम करने वाले दुकान में दबाव डालकर फिक्स्ड डिपॉजिट कराने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने अधिक ब्याज का लालच भी दिया। बृजेश सैनी पढ़ा-लिखा नहीं है और उनके पास केवल की पैड वाला मोबाइल फोन था। ऐसे में बैंक कर्मचारियों ने फिक्स्ड डिपॉजिट का झांसा देकर पूरा पैसा अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया। बाद में जब प्रार्थी ने पैसे निकालने की मांग की, तो पता चला कि फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ा ही नहीं गया और पूरा पैसा हेराफेरी के जरिए गबन कर लिया गया। इससे पहले 15 अक्टूबर को भी इसी मामले से जुड़ा 25 लाख 77 हजार रुपए की ठगी का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में दीनदयाल उपाध्याय ने तीन अन्य ग्राहकों के खातों से बिना उनकी सहमति 25 लाख 77 हजार 500 रुपए से अधिक की हेराफेरी की। शाखा प्रबंधक उमाकांत यादव ने बताया कि 15 सितंबर को दो ग्राहकों जगदीश यादव और बृजेश सैनी ने शिकायत दर्ज कराई थी। 17 सितंबर को गुंजन गोयल ने अपने पति अश्वनी गोयल के माध्यम से शिकायत दी। तीनों शिकायतों में आरोप है कि दीनदयाल उपाध्याय ने उनकी सहमति के बिना उनके खातों से धोखाधड़ी की। पुलिस के अनुसार आरोपी पहले ही चार लोगों के साथ इस तरह की ठगी कर चुका है, जिसकी राशि 40 लाख रुपए से अधिक बताई जा रही है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है।
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