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असम में बांग्लादेश से जुड़ा आतंकी मॉड्यूल पकड़ा, 11 गिरफ्तार:IMK पूर्वोत्तर भारत को अस्थिर करने की साजिश रच रहा था, खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट किया था

असम और त्रिपुरा में बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन से जुड़े 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये संगठन पूर्वोत्तर भारत को अस्थिर करने की साजिश रच रहे थे। भारतीय सुरक्षा और खुफिया तंत्र पूर्वोत्तर, विशेषकर असम में आतंकी गतिविधियों को लेकर हाई अलर्ट पर है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त पार्थसारथी महंता ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों से मिले खुफिया इनपुट के आधार पर स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने इन्हें गिरफ्तार किया है। कल रात असम के बारपेटा, चिरांग, बक्सा और दर्रांग जिलों के अलावा त्रिपुरा में भी एक साथ ऑपरेशन चलाया गया। कुल 11 जिहादियों को गिरफ्तार किया गया। ये बांग्लादेश स्थित संगठनों के सीधे निर्देश पर काम कर रहे थे। महंता के अनुसार, गिरफ्तार किए गए सभी लोग इमाम महमूदर काफिला (IMK) मॉड्यूल के मेंबर हैं। इनमें से 10 लोगों को असम से और एक को त्रिपुरा से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में सामग्री जब्त की गई है, हालांकि कोई हथियार या गोला-बारूद बरामद नहीं हुआ। गिरफ्तार आतंकियों में नसीमुद्दीन उर्फ ​​नजीमुद्दीन उर्फ ​​तमीम (24), जुनाब अली (38), अफराहीम हुसैन (24), मिजानुर रहमान (46), सुल्तान महमूद (40), मोहम्मद सिद्दीकी अली (46), रसीदुल आलम (28), महिबुल खान (25), शारुक हुसैन (22), मोहम्मद दिलबर रजाक (26) और जागीर मिया (33) शामिल हैं। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने पुलिस को इमाम महमूदर काफिला (IMK) मॉड्यूल की एक्टिविटीज के बारे में सतर्क किया गया था। IMK, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) की बांग्लादेश ब्रांच है जो भारत में बैन है। IMK की स्थापना 2018 में ज्वेल महमूद उर्फ ​​इमाम महमूद हबीबुल्लाह उर्फ ​​सोहेल ने की थी। वह पहले JMB में रहा है और IMK​​​​​​​ का ‘अमीर’ होने का दावा करता है। वह “गज़वतुल हिंद” की विचारधारा का प्रचार करता है। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद एक्टिविटी बढ़ाने को कहा अगस्त 2024 में बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद, JMB, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) और अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) के कई कैडर जेल से बाहर आए और अधिक सक्रिय हो गए। इन्होंने IMK​​​​​​​​​​​​​​ को अपने भारतीय मॉड्यूल को एक्टिव करने और बढ़ाने के निर्देश जारी किए। महंता ने बताया कि बांग्लादेशी नागरिकों उमर और खालिद को असम में एक्टिविटी बढ़ाने का काम सौंपा गया। इनका सरगना बारपेटा रोड का तमीम था। जांच से पता चला कि इनकी एक्टिविटीज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हो रही हैं। असम, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के लोगों की भर्ती
‘पूर्वा आकाश’ ग्रुप कम्यूनिकेशन और भर्ती करता है। असम, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में रहने वाले लोगों को इस नेटवर्क के माध्यम से कट्टरपंथी बनाया जा रहा था। उनकी भर्ती कर आर्थिक सहायता दी जा रही थी। भर्ती में भारतीय पासपोर्ट धारकों, बांग्लादेश की यात्रा कर चुके लोगों और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के पूर्व सदस्यों को टारगेट किया गया था। IMK​​​​​​​ खुद को “ग़ज़वतुल हिंद-केंद्रित” आतंकी संगठन कहता है और भारत पर हथियारों से जीत का समर्थन करता है। अधिकारियों ने जांच में पता लगाया कि बांग्लादेश में हाल ही में हुए राजनीतिक बदलावों के बाद, JMB, ABTऔर AQIS​​​​​​​ के गुर्गों को या तो रिहा कर दिया गया या उनका हौसला बढ़ाया गया। इससे IMK​​​​​​​ का भारतीय नेटवर्क एक्टिव हुआ। IMK वेबसाइट,सोशल मीडिया और किताबों के माध्यम से आतंकवाद का प्रचार करता है। महंता ने कहा, IMK की गतिविधियां भारत की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा हैं। संगठन के बांग्लादेश स्थित संरक्षकों से लगातार संपर्क बने हुए हैं। 2024 में शेख हसीना सरकार के हटने के बाद IMK का अमीर जेल से रिहा हो गया। महंता ने बताया कि IMK सामाजिक और धार्मिक आयोजनों का भी दुरुपयोग करता है। दिसंबर 2024 से असम की स्थानीय मस्जिदों में कई गुप्त बैठकें की गईं, जिनमें भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार रोकने के नाम पर हिंसा का आह्वान किया गया। कुछ गुर्गे भारतीय पासपोर्ट पर बांग्लादेश जाकर IMK नेतृत्व से मिल चुके हैं और कई लोगों को परिवार समेत वहां जाकर हथियार ट्रेनिंग लेने के लिए उकसाया जा रहा है। फंडिंग के लिए हवाला का उपयोग फंडिंग को लेकर उन्होंने बताया कि संगठन हवाला और छोटे-छोटे बैंक लेनदेन के जरिए धन जुटाता है। भर्ती किए गए लोग और स्थानीय समर्थक नकद दान देते हैं। यह पैसा हवाला नेटवर्क के जरिए बांग्लादेश भेजा जाता है और इसके लिए कई बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि कुछ भारतीय ऑपरेटिव UPI प्लेटफॉर्म के जरिए भी पैसे भेजते थे। असम व त्रिपुरा से लाखों रुपए बांग्लादेश भेजे गए। इस पैसे का इस्तेमाल आतंकी ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक्स में किया गया।


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