किशनगंज जिला पदाधिकारी विशाल राज और पुलिस अधीक्षक सागर कुमार के संयुक्त आदेश पर गलगलिया चेकपोस्ट पर अधिकारियों की पुनः प्रतिनियुक्ति की गई है। यह तैनाती असम, नागालैंड और पश्चिम बंगाल से बिहार आने वाले ओवरलोडेड वाहनों और अवैध तस्करी की जांच के लिए की गई है। इन अधिकारियों का मुख्य कार्य कोयला, गिट्टी, बालू जैसे ओवरलोडेड वाहनों के संदिग्ध परिवहन की जांच करना है। इसके साथ ही, फर्जी जीएसटी बिल और माइनिंग चालान के बिना हो रही अवैध आपूर्ति पर भी नजर रखी जाएगी। सीमावर्ती क्षेत्रों में मवेशी, बालू, बेड मिशाली, कोयला, लकड़ी, ब्राउन शुगर, स्मैक, गांजा, सोना और चांदी जैसी वस्तुओं की अवैध तस्करी को रोकना भी इनके कार्यक्षेत्र में शामिल है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 1 सितंबर 2025 से 30 सितंबर 2025 तक भी जांच अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। अररिया-गलगलिया एनएच-327ई, किशनगंज-दालकोला एनएच-327 और दालकोला-बिपरी पटना (ग्वालपोखर थाना), उत्तर दिनाजपुर तथा किशनगंज जिले से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में ‘एंट्री माफियाओं’ द्वारा अवैध तस्करी की शिकायतों के बाद जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। कार्य की गंभीरता को देखते हुए यह नई प्रतिनियुक्ति 14 जनवरी 2026 तक के लिए की गई है। प्रतिनियुक्त पदाधिकारी संदिग्ध परिवहन की सघन जांच करेंगे और फर्जी जीएसटी बिल तथा माइनिंग चालान की पड़ताल कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। उन्हें जांच किए गए वाहनों का दैनिक विवरण पंजी में दर्ज करना होगा और संबंधित रिपोर्ट प्रतिदिन अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करनी होगी। गलगलिया चेकपोस्ट पर तैनात पुलिस पदाधिकारी, पहले से मौजूद मद्य निषेध पुलिस बल के साथ समन्वय स्थापित कर जांच कार्यों को सुचारु रूप से संचालित करेंगे। इन प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों के कार्यों के निरीक्षण और पर्यवेक्षण के लिए निरीक्षी अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है। इनमें राज्य कर संयुक्त आयुक्त शशि भूषण, जिला परिवहन पदाधिकारी दिक्षित स्वेतम और खनिज विकास पदाधिकारी प्रणव कुमार प्रभाकर शामिल हैं। ये अधिकारी गलगलिया चेकपोस्ट का निरीक्षण कर की गई कार्रवाई से संबंधित निरीक्षण प्रतिवेदन जिला पदाधिकारी को सौंपेंगे।
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