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अरावली रेंज में नए खनन पट्टे जारी करने पर रोक:केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जारी किए निर्देश; अरावली विवाद के बाद फैसला

केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पूरी अरावली रेंज में नई माइनिंग लीज जारी करने पर रोक लगा दी है। केंद्र ने राज्य सरकारों को अरावली में किसी भी प्रकार के नए खनन पट्टे देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं। यह प्रतिबंध पूरे अरावली पर समान रूप से लागू होंगे। केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से जारी लिखित बयान के मुताबिक इस आदेश का मकसद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक फैली सतत भूवैज्ञानिक श्रृंखला के रूप में अरावली की रक्षा करना और सभी अनियमित खनन गतिविधियों को रोकना है। अरावली के लिए ICFRE बनाएगा नया माइनिंग प्लान, इसे सार्वजनिक किया जाएगा
भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद ICFRE को पूरे अरावली क्षेत्र में लगातार खनन के लिए एक व्यापक, साइंटिफिक प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस प्लान में पर्यावरणीय प्रभाव और पारिस्थितिक वहन क्षमता का आकलन करने के साथ-साथ पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील और संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करेगी। बहाली और पुनर्वास के उपाय निर्धारित करेगी। इस प्लान को संबंधित स्टेक होल्डर से परामर्श के लए सार्व​जनिक किया जाएगा। अरावली में संरक्षित और खनन प्रतिबंधित दायरे को और बढ़ाया जाएगा
केंद्र सरकार के बयान के मुताबिक पूरे अरावली क्षेत्र में खनन से सं​रक्षित और प्रति​बंधित क्षेत्रों के दायरे को और बढ़ाया जाएगा। अरावली पर तैयार किए जा रहे प्लान में इसका खास ध्यान रखा जाएगा। खबर अपडेट की जा रही है… अरावली से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें पीली हो जाएगी गुलाबी नगरी, बिना झीलों का उदयपुर:दिनभर धूल के तूफान, बिना मास्क सांस नहीं, AI से देखिए अरावली खत्म होने के खतरे राजस्थान से अरावली की पहाड़ियां खत्म हो गईं तो यहीं मजाक डरावनी हकीकत बनकर सामने आ सकता है। अरावली खत्म होने की बात हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि एक नई परिभाषा के अनुसार 100 मीटर से ऊंची पहाड़ी को ही अरावली माना जाएगा। (पूरी खबर पढ़ें) अरावली न हो तो पाकिस्तान में बरसेगा राजस्थान का मानसून:1.50 लाख से ज्यादा पहाड़ियों पर खनन का खतरा, अब तक 25% चोटियां खत्म, पार्ट-2 सुप्रीम कोर्ट ने वन पर्यावरण मंत्रालय की समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए अरावली की पहाड़ियों की नई परिभाषा को मंजूरी दे दी है। इसके अनुसार दिल्ली से राजस्थान और गुजरात तक 700 किमी में फैली पहाड़ियां 100 मीटर से कम ऊंची हैं तो उन्हें अरावली में नहीं गिनेंगे। (पूरी खबर पढ़ें) अरावली की 100-मीटर की परिभाषा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती:राजस्थान, हरियाणा और केंद्र सरकार को नोटिस; कमेटी की सिफारिश को बताया विरोधाभासी प्रदेश से गुजर रही अरावली पर्वतमाला का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। हरियाणा के वन विभाग के रिटायर अधिकारी आरपी बलवान ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की समिति की सिफारिश को चुनौती दी है। इस सिफारिश में 100 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाली पहाड़ियों को अरावली के रूप में मान्यता देने की बात कही गई है। (पूरी खबर पढ़ें) अरावली के लिए राष्ट्रपति के नाम खून से लिखी चिट्ठी:कलेक्टर टीना डाबी को सौंपी; ग्रीनमैन बोले- मेरे खून से नहीं, अरावली के आंसूओं से लिखी है अरावली पर्वतमाला के संरक्षण और बदलाव का विरोध जगह-जगह हो रहा है। इस कड़ी में ग्रीनमैन नरपतसिंह राजपुरोहित ने अपने खून से राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन लिखा। बुधवार को बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी को ज्ञापन दिया। अरावली बचाओ जैसे स्लोगन भी लिखे। पूरी खबर पढ़िए


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