अरावली पर्वतमाला की सुरक्षा के लिए आंदोलन तेजी से आगे बढ़ रहा है. जयपुर में कांग्रेस ने बड़ा प्रदर्शन किया है और सोशल मीडिया पर भी सेव अरावली आंदोलन सक्रिय है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अरावली को लेकर फैले भ्रम को स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा है कि अरावली संवेदनशील क्षेत्र है और इसमें कोई छूट नहीं दी गई है. अरावली पर्वतमाला भारत के चार राज्यों में फैला हुआ है और यहां माइनिंग पर सख्त नियम लागू हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को अरावली की समान परिभाषा देने को कहा है जो पर्वत की संरचना को पूरी तरह से संरक्षण प्रदान करती है. कुछ लोगों ने सौ मीटर की परिभाषा को गलत समझाया है लेकिन वास्तव में यह सुरक्षा उस पर्वत की पूरी ऊंचाई और नीचे तक फैली हुई है. इस आंदोलन के माध्यम से अरावली पर्वतमाला को बचाने की महती भूमिका निभाई जा रही है.
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