अरवल के नगर परिषद वार्ड नंबर 16 स्थित शाही मोहल्ला में एक दिवसीय अजीमोशान जलसा का आयोजन किया गया। इस जलसे की अध्यक्षता मौलाना मोहम्मद जलालुद्दीन कासमी साहब ने की, जबकि संचालन मौलाना मोहम्मद इम्तियाज अहमद रहमानी साहब ने किया। इस कार्यक्रम में स्थानीय पार्षद नुरैन जौहर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। देश के कई बड़े उलमा-ए-दीन और नातखाओं ने भी जलसे में शिरकत की। सभी उलमा-ए-दीन और नातखाओं को शॉल देकर सम्मानित किया गया। मौलाना साहब ने अपने बयान में माता-पिता के सम्मान और सेवा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि माता-पिता से मोहब्बत करें, उन्हें कभी कष्ट न दें और उनकी खूब सेवा करें। उनके निधन के बाद उनके लिए अधिक से अधिक ईसाल-ए-सवाब करें, ताकि उन्हें इसका पुण्य प्राप्त हो सके। जलसे में नातखाओं ने पैगंबर मोहम्मद की शान में नात पढ़ीं, जिसे सुनकर श्रोता ‘सुभानल्लाह’ और ‘माशाल्लाह’ कहते नहीं थक रहे थे। कार्यक्रम के अंत में मौलाना साहब ने देश में हिंदू-मुस्लिम एकता, भाईचारे, अमन और खुशहाली के लिए विशेष दुआ की। यह जलसा मोहम्मद कुतुबुद्दीन (मिस्त्री) के दिवंगत माता-पिता के ईसाल-ए-सवाब (पुण्य लाभ) के लिए आयोजित किया गया था। इसमें मौलाना मोहम्मद साद नजीब कासमी, मौलाना मोहम्मद महबूब मझरी, मौलाना मोहम्मद अनस, नातखॉ मोहम्मद फैसल रशीदी, मोहम्मद उमर फारूक साकिबी, हाफिज मोहम्मद अखलाक, हाफिज मोहम्मद शमीम, हाफिज मोहम्मद नदीम, हाफिज मोहम्मद सद्दाम, मोहम्मद आफताब आलम, मोहम्मद जावेद असलम, समाजसेवी मोहम्मद शाहनवाज और मोहम्मद शमशाद कुरैशी सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
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