अररिया जिला प्रशासन ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक लाइव सत्र का आयोजन किया। इस दौरान अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण पदाधिकारी पवन कुमार सिंह ने SC/ST अत्याचार पीड़ितों को सरकार द्वारा मिलने वाली मुआवजा राशि और विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। पवन कुमार सिंह ने बताया कि यदि कोई अनुसूचित जाति या जनजाति का व्यक्ति किसी गैर-SC/ST व्यक्ति द्वारा अत्याचार का शिकार होता है, तो उसे विभाग द्वारा त्वरित राहत के रूप में मुआवजा राशि प्रदान की जाती है। यह राशि अपराध की गंभीरता और एफआईआर में दर्ज धाराओं के आधार पर तय की जाती है। मुआवजा राशि की होती है गणना उन्होंने प्रक्रिया समझाते हुए कहा कि थाना में दर्ज एफआईआर की प्रति और संबंधित दस्तावेज जिला कल्याण विभाग को प्राप्त होने के बाद मामले की छानबीन की जाती है। इसके उपरांत, अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण नियमावली 1995 के प्रावधानों के तहत निर्धारित मुआवजा राशि की गणना की जाती है। जिला पदाधिकारी की स्वीकृति मिलने के बाद यह राशि सीधे पीड़ित के बैंक खाते में हस्तांतरित कर दी जाती है। कल्याण पदाधिकारी ने इस योजना को अत्यंत संवेदनशील बताते हुए कहा कि अररिया जिले में ऐसे सभी मामलों का त्वरित निष्पादन किया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि अब तक दर्जनों पीड़ितों को लाखों रुपये का मुआवजा वितरित किया जा चुका है। हत्या के मामलों में अधिकतम 8.50 लाख का मुआवजा लाइव सत्र में दर्शकों ने मुआवजा राशि की सीमा, आवश्यक दस्तावेज और समय-सीमा जैसे कई सवाल पूछे। पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि हत्या के मामलों में अधिकतम 8.50 लाख रुपए तक और गंभीर चोट या बलात्कार जैसे मामलों में 5 लाख रुपए तक की राहत राशि दी जाती है। कुल राशि का 50% एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद तथा शेष राशि चार्जशीट दाखिल होने और दोषसिद्धि के बाद प्रदान की जाती है। इस लाइव सत्र को हजारों लोगों ने देखा और सराहा। जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि अत्याचार के किसी भी मामले में तुरंत नजदीकी थाने में एफआईआर दर्ज कराएं और जिला कल्याण कार्यालय में आवेदन करें, ताकि उन्हें त्वरित न्याय और राहत मिल सके।
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