अररिया नगर परिषद के सफाई कर्मियों ने अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में महिला और पुरुष सफाई कर्मियों ने ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई और स्थायी नौकरी, वेतनमान तथा बुनियादी सुविधाओं की मांग की। यह प्रदर्शन शहर की सफाई व्यवस्था में व्याप्त अनियमितताओं और कर्मियों के शोषण को उजागर करने के लिए किया गया। सफाई कर्मी संघ के सचिव संतोष कुमार ने मीडिया को बताया कि नगर परिषद के वार्ड संख्या 1 से 29 तक के सफाई कार्य को ठेकेदारी पर देने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका वे कड़ा विरोध कर रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बिहार सफाई कर्मचारी महासंघ पटना में ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। सफाई कार्य को ठेकेदारी पर देने पर रोक लगाई गई कुमार ने उच्च न्यायालय के उस आदेश का हवाला दिया, जिसमें सफाई कार्य को ठेकेदारी पर देने पर रोक लगाई गई है। इसके बावजूद, प्रशासन इसे लागू करने की कोशिश कर रहा है, जिससे कर्मियों में रोष है। मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही कर्मियों ने शिकायत की कि पिछले दो वर्षों से लगातार सफाई कार्य करने के बावजूद उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। संतोष कुमार के अनुसार, उन्हें झाड़ू, नाले की सफाई के लिए जूते या अन्य सुरक्षा सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जाती है। कर्मियों को अपनी जेब से झाड़ू खरीदनी पड़ती है। श्रम संसाधन विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी पूरी तरह लागू नहीं की जा रही है, और कड़ाके की ठंड में कंबल तक वितरित नहीं किए गए। अच्छा कार्य करने वाले कर्मियों को सम्मानित करना शामिल नौ सूत्री मांगों में प्रमुख रूप से छठा-सातवां वेतनमान लागू करना, सर्विस बुक का सत्यापन, पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था, पीएफ और ईएसआईसी सुविधा, सुरक्षा गियर प्रदान करना, यूनिफॉर्म व पहचान पत्र जारी करना तथा अच्छा कार्य करने वाले कर्मियों को सम्मानित करना शामिल है। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी चंद्रप्रकाश राज को सौंपा। मौके पर मौजूद चंद्रप्रकाश राज ने उच्च अधिकारियों से बात कर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।
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