उत्तर बिहार के अररिया में लगातार बढ़ रही ठंड और शीतलहर ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सुबह और शाम के समय गिरते तापमान से सबसे अधिक छोटे बच्चों, बुजुर्गों और छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ गया है। इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला दंडाधिकारी विनोद दूहन ने एहतियाती कदम उठाते हुए जिले में कक्षा 8 तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश जारी किया है। IMD की रिपोर्ट के बाद प्रशासन सतर्क भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD), पटना केंद्र की 29 दिसंबर की रिपोर्ट के अनुसार अररिया जिले में अत्यधिक ठंड पड़ रही है। खासकर सुबह और शाम के समय तापमान में काफी गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की चेतावनी भी जारी की है। इस रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। धारा 163 के तहत लागू हुआ आदेश जिला दंडाधिकारी विनोद दूहन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-163 के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह आदेश जारी किया है। इसके तहत जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूल, प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और कोचिंग संस्थानों में कक्षा 8 तक की सभी शैक्षणिक गतिविधियों पर 2 जनवरी 2026 तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। ऊपरी कक्षाओं के लिए बदला समय डीएम के आदेश के अनुसार, कक्षा 8 से ऊपर की कक्षाएं पूरी तरह बंद नहीं होंगी, लेकिन उनके संचालन के समय में बदलाव किया गया है। अब ये कक्षाएं सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक ही संचालित की जा सकेंगी। प्रशासन का मानना है कि इससे छात्रों को सुबह की कड़ी ठंड और शीतलहर से बचाया जा सकेगा। आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ भोजन वितरण के लिए खुलेंगे आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाई पूरी तरह बंद रहेगी। हालांकि बच्चों को गर्म भोजन वितरण के लिए आंगनबाड़ी केंद्र दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक खुले रहेंगे। इससे बच्चों के पोषण पर ठंड का असर न पड़े, यह सुनिश्चित किया गया है। परीक्षा और प्रशासनिक कार्यों को छूट यह प्रतिबंध केवल नियमित पढ़ाई-लिखाई पर लागू होगा। स्कूलों के प्रशासनिक कार्य, जैसे स्टाफ मीटिंग, रिकॉर्ड संधारण, कार्यालयीन कामकाज पहले की तरह चलते रहेंगे। इसके अलावा प्री-बोर्ड और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए चल रही विशेष कक्षाओं को इस आदेश से छूट दी गई है। ये कक्षाएं निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार संचालित की जा सकेंगी। सख्ती से पालन कराने के निर्देश जिला दंडाधिकारी ने शिक्षा विभाग, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, अंचल अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस आदेश का सख्ती से पालन कराया जाए। आदेश का उल्लंघन करने वाले स्कूलों या संस्थानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। अभिभावकों में राहत, बच्चों की सेहत प्राथमिकता इस फैसले के बाद अभिभावकों ने राहत की सांस ली है। उनका कहना है कि ठंड के इस मौसम में छोटे बच्चों को सुबह स्कूल भेजना जोखिम भरा हो सकता था। प्रशासन के इस निर्णय से बच्चों की सेहत को प्राथमिकता मिली है। प्रेस रिलीज से दी गई जानकारी जिला प्रशासन की ओर से यह जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय द्वारा सोमवार रात करीब 10 बजे प्रेस रिलीज के माध्यम से सार्वजनिक की गई। प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चे घर पर ही रहें, उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं और ठंड से बचाव के सभी जरूरी उपाय अपनाएं। ठंड का प्रकोप कम होने और मौसम में सुधार के बाद स्कूलों को दोबारा खोले जाने पर विचार किया जाएगा। फिलहाल प्रशासन का पूरा फोकस बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर है।
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