अमेरिका-चीन में फिर ट्रेड वॉर, ट्रंप ने लगाया 100% टैरिफ, एक नवंबर से होगा लागू
अमेरिकी उद्योगों के लिए जरूरी रेयर अर्थ एलिमेंट्स के एक्सपोर्ट पर चीन के प्रतिबंध के बाद दोनों देशों में तल्खी बढ़ती जा रही है. ट्रंप ने इसे चीन का आक्रामक रुख बताते हुए अब चीनी उत्पादों पर अधिक टैरिफ लगाने का एलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि 1 नवंबर से अमेरिका चीन से आयातित सभी उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाएगा. यह पहले से लागू टैरिफ के ऊपर होगा. इसके अलावा, अमेरिका उसी दिन सभी सॉफ्टवेयर पर भी एक्सपोर्ट कंट्रोल लागू करेगा.
वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने चीन पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ अपनी बैठक रद्द कर दी है, ट्रंप ने कहा कि नहीं, मैंने रद्द नहीं की है. लेकिन मुझे नहीं पता कि हम ऐसा करेंगे भी या नहीं. यह पूछे जाने पर कि क्या चीन द्वारा एक्सपोर्ट कंट्रोल वापस लेने पर वे अतिरिक्त टैरिफ हटाएंगे, उन्होंने कहा, देखते हैं क्या होता है. इसीलिए मैंने इसे 1 नवंबर की तारीख पर रखा है.
#WATCH | On being asked if he has cancelled his meeting with Chinese President Xi following his announcement of 100% tariffs on China, US President Donald Trump says, “No, I haven’t cancelled. But I don’t know that we’re going to have it. I’ll be there regardless… They hit the https://t.co/kq65ZfEqD5 pic.twitter.com/8X2dU2hEJW
— ANI (@ANI) October 10, 2025
चीन ने व्यापार पर बेहद आक्रामक रुख अपनाया
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन ने व्यापार पर एक बेहद आक्रामक रुख अपनाते हुए दुनिया को एक बेहद शत्रुतापूर्ण पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि वे 1 नवंबर, 2025 से अपने द्वारा बनाए जाने वाले लगभग हर उत्पाद पर बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट कंट्रोल लगाने जा रहे हैं, यहां तक कि कुछ ऐसे उत्पादों पर भी जो उनके द्वारा नहीं बनाए गए हैं. यह सभी देशों को प्रभावित करता है, और जाहिर तौर पर यह योजना उनके द्वारा वर्षों पहले तैयार की गई थी.
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में यह बिल्कुल अनसुना
ट्रंप ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में यह बिल्कुल अनसुना है, और अन्य देशों के साथ व्यवहार करने में एक नैतिक अपमान है. यह विश्वास करना असंभव है कि चीन ने ऐसा कोई कदम उठाया होगा, लेकिन उन्होंने उठाया है, और बाकी इतिहास है. इससे पहले शुक्रवार को, ट्रंप ने कहा था कि बीजिंग द्वारा रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर व्यापक नए एक्सपोर्ट कंट्रोल लगाकर बहुत शत्रुतापूर्ण कदम उठाए जाने के बाद चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ बैठक करने का कोई कारण नहीं था.
चीनी वस्तुओं पर टैरिफ में भारी वृद्धि
उन्होंने चेतावनी दी थी कि अमेरिका कड़े जवाबी उपायों के साथ जवाब देने की तैयारी कर रहा है, जिसमें चीनी वस्तुओं पर टैरिफ में भारी वृद्धि शामिल है. चीन, जो स्मार्टफोन से लेकर फाइटर जेट तक हर चीज में इस्तेमाल होने वाले दुर्लभ पृथ्वी के ग्लोबल प्रोसेसिंग पर हावी है, ने प्रतिबंधित खनिजों की अपनी मौजूदा सूची में पांच नए तत्व – होल्मियम, एर्बियम, थ्यूलियम, यूरोपियम और यटरबियम को जोड़ा है, जिससे कुल 17 प्रकारों में से 12 हो गए हैं.
एक्सपोर्ट लाइसेंस अब न केवल तत्वों के लिए बल्कि माइनिंग, स्मेल्टिंग और चुंबक उत्पादन से संबंधित प्रौद्योगिकियों के लिए भी आवश्यक होंगे. चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों की रक्षा करना और सामग्रियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सैन्य और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में इस्तेमाल होने से रोकना है.
जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बैठक
रिपोर्ट के अनुसार, इसने इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम बैटरी और ग्रेफाइट एनोड सामग्री पर नए प्रतिबंध भी लगाए हैं. नए उपाय नवंबर और दिसंबर के बीच पूरी तरह से प्रभावी होंगे, जो इस महीने के अंत में दक्षिण कोरिया में एपीईसी शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रंप के बीच अपेक्षित बैठक से पहले अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है.
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