अमेरिका के 19 सांसदों का राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र, भारत से रिश्ते सुधारने का किया आग्रह, कहा- हमें ही नुकसान हो रहा
अमरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर हाई टैरिफ लगाने को लेकर वो अपने ही घर में घिरते नजर आ रहे हैं. यूएस सांसदों के एक समूह ने ट्रंप को पत्र लिखा है जिसमें उनसे भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने आग्रह किया गया है. सांसदों का कहना है कि अमेरिकी प्रशासन की टैरिफ नीतियों की वजह से भारत के साथ रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं, जिससे दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक हितों को नुकसान पहुंच रहा है. पत्र में ये भी कहा गया है कि जो हालात बन रहे हैं, उससे हमें ही नुकसान हो रहा है.
अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य डेबोरा रॉस और कांग्रेस सदस्य रो खन्ना ने 19 अन्य कांग्रेस सदस्यों के समूह के साथ मिलकर राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने भारत के खिलाफ लगाए गए 50 प्रतिशत के शुल्क (टैरिफ) को फौरन पलटने की अपील की है. सांसदों का कहना है कि यह टैरिफ न सिर्फ भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं और निर्माताओं को भी गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
19 सांसदों ने पत्र में किए हस्ताक्षर
यह पत्र उन सांसदों ने लिखा है, जिनके चुनाव क्षेत्र में भारतीय लोगों की आबादी काफी ज्यादा है. ये लोग भारत के साथ मजबूत पारिवारिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध रखते हैं. डेबोरा के. रॉस, रो खन्ना, ब्रैड शेरमन, राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल, फ्रैंक पैलोन जूनियर समेत कांग्रेस के 19 सांसदों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.
‘आपकी नीतियों ने भारत के साथ रिश्ते कमजोर किए’
पत्र में सांसदों ने कहा ‘हम ऐसे क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी समुदाय रहते हैं, जिनके भारत से मजबूत पारिवारिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध हैं. आपकी सरकार की हालिया नीतियों ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ हमारे संबंधों को कमजोर किया है, जिससे दोनों देशों को नुकसान पहुंचा है. हम आपसे आग्रह करते हैं कि इस बेहद अहम साझेदारी को फिर से पटरी पर लाने और सुधारने के लिए तुरंत कदम उठाएं’.
‘टैरिफ ने भारत को चीन और रूस के करीब ला दिया’
सांसदों ने कहा ‘ टैरिफ ने भारत को चीन और रूस के करीब ला दिया है. आपके प्रशासन की हालिया कार्रवाइयों ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है, जिससे दोनों देशों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. हम आपसे आग्रह करते हैं कि इस महत्वपूर्ण साझेदारी को फिर से स्थापित और सुधार के लिए तत्काल कदम उठाएं’.
पत्र में आगे कहा गया ‘इन कार्रवाइयों ने भारत सरकार को चीन और रूस जैसे अमेरिका विरोधी शासन के साथ अपने कूटनीतिक और आर्थिक संबंध बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है. यह विकास खासकर इसलिए चिंता का विषय है क्योंकि भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक स्थिर शक्ति के रूप में अपनी बढ़ी भूमिका निभा रहा है, जिसमें वह क्वाड (अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ) का हिस्सा है और चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षा के खिलाफ एक अहम संतुलन करने वाले की भूमिका निभाता है’.
‘यह टैरिफ वृद्धि संबंधों को खतरे में डालती है’
वहीं टैरिफ से अमेरिकी बाजार पर पड़ते असर की तरफ इशारा करते हुए सांसदों ने कहा ‘अमेरिकी निर्माता सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य देखभाल, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में भारत पर निर्भर हैं. भारत में निवेश कर रही अमेरिकी कंपनियां दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजारों में से एक तक पहुंच प्राप्त करते हैं, जबकि भारतीय कंपनियां अमेरिका में अरबों डॉलर का निवेश कर चुकी हैं, जिससे हमारे समुदायों में नए रोजगार और अवसर पैदा हुए हैं’.सांसदों ने कहा ‘यह टैरिफ वृद्धि इन संबंधों को खतरे में डालती है, अमेरिकी परिवारों के लिए लागत बढ़ाती है, अमेरिकी कंपनियों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा की क्षमता को कमजोर करती है और नवाचार एवं सहयोग को नुकसान पहुंचाती है.
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