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अब थानों में दर्ज मामलों का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक,लोगों को मिली रही बड़ी राहत

क्राइम रिपोर्टर। अरवल जिले में प्राथमिकी की कॉपी ऑनलाइन उपलब्ध होने से आम लोगों को बड़ी राहत मिली रही है। पहले जहां एफआईआर की प्रति प्राप्त करने के लिए थानों के कई चक्कर लगाने पड़ते थे, अब वही दस्तावेज घर बैठे कुछ ही मिनटों में डाउनलोड किए जा सकते हैं। राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो की आधिकारिक वेबसाइट scrb.bihar.gov.in पर यह सुविधा उपलब्ध है और जिले के लोग इसका बड़े पैमाने पर लाभ उठा रहे हैं। इस पोर्टल पर लॉगिन कर ‘इनफॉर्मेशन’ मेन्यू में उपलब्ध ‘सर्च एफआईआर विकल्प पर क्लिक करते ही संबंधित प्राथमिकी को ढूंढना बेहद आसान हो गया है। उपयोगकर्ता एफआईआर नंबर, अभियुक्त के नाम या फिर शिकायतकर्ता के नाम से सर्च कर पीडीएफ फार्मेट में उसे डाउनलोड कर सकते हैं। यह पहल खासकर उन लोगों के लिए राहत साबित हुई है जिनका कार्य थाना स्तर पर देरी से पूरा होता था या जिन्हें दस्तावेज प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता था।पुलिस विभाग की ओर से भी इस डिजिटल व्यवस्था को लेकर गंभीरता दिखाई जा रही है। सीसीटीएनएस पोर्टल के माध्यम से सभी थानों में एफआईआर नियमित रूप से अपलोड की जा रही हैं। अधिकारियों के अनुसार, मुकदमे की कॉपी एक सप्ताह के भीतर पोर्टल पर उपलब्ध करा दी जाती है, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है और थानों पर दबाव भी कम हुआ है।जिले के लोग यह सुविधा सहजता से अपनाते नजर आ रहे हैं। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की वेबसाइट से अरवल जिले में बड़ी संख्या में लगातार एफआईआर कॉपी डाउनलोड की जा रही हैं। इससे न केवल लोगों के समय और मेहनत की बचत हुई है, बल्कि पुलिस विभाग के कामकाज में भी डिजिटल पारदर्शिता का नया आयाम जुड़ गया है। स्टेट क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो वेबसाइट की तस्वीर। 1. अरवल सदर थाना अरवल जिले का सबसे व्यस्त और प्रमुख थाना होने के कारण यहां सबसे अधिक मामले दर्ज हुए हैं। 1 जनवरी से 7 दिसंबर 2025 तक कुल 442 एफआईआर दर्ज की गईं। यह संख्या जिले में दर्ज कुल मामलों का बड़ा हिस्सा है और डिजिटल पोर्टल पर पूरी तरह उपलब्ध है। 2. मेहंदीया थाना 5 दिसंबर तक 244 मामले दर्ज किए गए। यह थाना भी मामलों की संख्या के मामले में जिले में दूसरा स्थान रखता है। 3. कुर्था थाना कुर्था थाना क्षेत्र में 6 दिसंबर तक 209 एफआईआर दर्ज की जा चुकी थीं। स्थानीय स्तर पर यह थाना संवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता है, जहां छोटे-बड़े अपराधों की संख्या लगातार दर्ज होती रहती है। 4. करपी थाना करपी थाना में 4 दिसंबर तक 205 मामले दर्ज किए गए। यह थाना भी जिले के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है और यहां दर्ज मामलों की संख्या भी उल्लेखनीय है। 5. किंजर थाना किंजर थाना क्षेत्र में 7 दिसंबर तक 160 एफआईआर दर्ज की गईं। पुलिस की सक्रियता और ऑनलाइन अपलोड की प्रक्रिया यहां भी नियमित रूप से जारी है। 6. कलेर थाना कलेर थाना में 7 दिसंबर तक 156 मामले दर्ज किए गए। यह थाना जिले के कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में आता है, फिर भी दर्ज मामलों की संख्या महत्वपूर्ण है। डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में अहम कदम एफआईआर कॉपी को ऑनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था ने पुलिस विभाग और आम नागरिकों के बीच संवाद को अधिक सरल बनाया है। इससे लोगों की निर्भरता थानों पर कम हुई है और प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ी है। शिकायतकर्ताओं को अब न तो किसी परिचित की मदद लेने की आवश्यकता है और न ही बार-बार थाने जाने की। यह पहल न केवल समय की बचत कर रही है बल्कि पुलिस प्रशासन के प्रति लोगों का भरोसा भी बढ़ा रही है।स्थानीय लोगों का कहना है कि ऑनलाइन एफआईआर कॉपी मिलना उनके लिए बड़ी सुविधा है। वहीं पुलिस अधिकारियों का मानना है कि डिजिटल प्रक्रिया से कामकाज अधिक व्यवस्थित हुआ है और लोगों को समय पर न्यायिक प्रक्रिया में आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध हो जा रहे हैं।डिजिटल युग में पुलिस विभाग द्वारा यह कदम निस्संदेह सराहनीय है और आने वाले समय में इस व्यवस्था को और भी बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं। अरवल जिले में यह पहल कानून व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन चुकी है। जिले के प्रमुख थानों में दर्ज मामलों का ब्योरा ऑनलाइन उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से 7 दिसंबर 2025 तक अरवल जिले के विभिन्न थानों में कुल मिलाकर सैकड़ों मामले दर्ज किए गए। वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, जिले के प्रमुख थानों का विवरण।


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