‘करीब 3:30 बजे जनसुराज के कैंडिडेट पीयूष प्रियदर्शी का काफिला बसावनचक-खुशहालचक गांव के बीच सिंगल रोड पर फंस गया। सामने से अनंत सिंह का काफिला आया, दोनों ओर की गाड़ियां अटक गई थीं। काफिले के बीच से अनंत सिंह अपनी थार से उतरे, उनके साथ करमबीर-राजवीर जैसे लोगों ने दादा को घेर लिया और उन्हें खींचने लगे। इतने में अनंत सिंह वहां आए और उन्होंने पहले उनके पैर में गोली मारी, दादा गिरे दूसरी ओर से भूषण सिंह के लोग लाठी-डंडे से उन पर टूट पड़े। इस बीच अनंत सिंह अपनी थार लेकर आए और उसे आगे पीछे-आगे कर दादा पर चढ़ा दी। इस दौरान मौके पर 8-10 राउंड फायर भी हुआ।’ यह बयान आरजेडी नेता और जनसुराज समर्थक दुलारचंद के पोते राजेश कुमार के हैं। वे इस घटना के चश्मदीद गवाहों में से एक हैं। जिस दौरान यह हमला हुआ दुलारचंद, जनसुराज कैंडिडेट पीयूष प्रियदर्शी के साथ चुनाव प्रचार में शामिल थे। अब तक जो वीडियो सामने आए हैं उससे ये समझ आ रहा है कि प्रचार के दौरान अनंत सिंह और जनसुराज की गाड़ी आमने-सामने टकराई। दुलारचंद ने पत्थर फेंके। इसके बाद फायरिंग हुई और गाड़ी चढ़ा दी। अब आपको सीधे गांव ले चलते हैं… वारदात के बाद दैनिक भास्कर की टीम रात 12 बजे पटना से 90 किलोमीटर का सफर पूरा कर दुलारचंद के गांव पहुंची। दुलारचंद यादव के पैतृक गांव ‘तारतर’ में उनके घर के बाहर मातम पसरा था। हवा में तनाव नजर आ रहा था। घर के भीतर से महिलाएं दहाड़ मार कर रो रहीं थीं और बाहर सैकड़ों की संख्या में मौजूद पुरुष बुत बन कर खड़े थे। उनकी खामोशी में गम से ज्यादा गुस्सा झलक रहा था। गांव के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थे। घर के आंगन में दुलारचंद का शव रखा था। यह वही दुलारचंद हैं, जो वैसे तो राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े थे, लेकिन इस चुनाव में वे RJD की आधिकारिक प्रत्याशी (वीणा देवी) के बजाय जनसुराज कैंडिडेट पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार कर रहे थे। दुलारचंद का पोता बोला- हमारी भी हत्या हो सकती है देर रात तक हत्या के बाद आक्रोशित परिजन और ग्रामीण धरने पर बैठ गए। उनकी एक ही मांग थी- जब तक आरोपी (अनंत सिंह) की गिरफ्तारी नहीं होगी, वे शव को वहां से हटने नहीं देंगे। ग्रामीणों ने इंसाफ नहीं मिलने पर वोट बहिष्कार की चेतावनी दी है। इस हत्याकांड के चश्मदीद गवाह और दुलारचंद यादव के पोते राजेश कुमार हैं। उनकी आंखों में खौफ और गुस्सा एक साथ तैर रहा है। हमसे बात करते हुए राजेश ने आगे कहा- मेरे दादा की मौत के बाद हमें प्रशासन से कोई उम्मीद नहीं है। वे पोस्टमॉर्टम के लिए हम पर दबाव डाल रहे हैं, उनपर भी ऊपर से प्रेशर आ रहा है। हम चाहते हैं कि घरवाले को सुरक्षा मिलनी चाहिए। घर पे इतना सब हो चुका है और घर में कोई सुरक्षा नहीं है। वे हम सबके गार्जियन थे। मेरे पापाजी सर्विस करते हैं, वो घर में नहीं रहते। अगर मेरे घर में अभी कुछ कांड होता है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा धमकी मिली थी भाषण देना बंद करो नहीं तो मार देंगे राजेश आगे कहते हैं- हमें बहुत डर लग रहा है। अभी एक-डेढ़ घंटा पहले एक अज्ञात नंबर से फोन पर धमकी आई है कि भाषण नहीं दो, नहीं तो तुम्हारे साथ भी वही होगा। राजेश आगे बताते हैं- हमारे पास हथियार नहीं थे। हमारे लोग उन्हें पकड़ने के लिए फिराक में थे कि मार के भागा है तो पकड़ लेंगे, लेकिन वो गोली चलाते हुए भाग गए। हमने आगे राजेश से पूछा कि अनंत सिंह ने सूरजभान सिंह का नाम लिया है? इस पर उनके पोते राजेश ने कहा- वे सूरजभान के लोग नहीं थे। दिक्कत यह है कि (दादाजी) जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पियूष जी के साथ प्रचार में जा रहे थे। एक गांव में उनका (पीयूष जी का) थोड़ा काम था, तो बोले कि चलिएगा, तो दादाजी उन्हीं के साथ चले गए थे। इसमें सूरजभान सिंह का कोई लेना-देना नहीं है। बहू बोली- गाड़ी से खींचकर अनंत सिंह ने मार दिया हत्या के तुरंत बाद दुलारचंद के समर्थक उनके शव को उनके पैतृक गांव तारतर ले गए थे। तारतर गांव पहुंचते ही परिस्थिति बिगड़ने लगी। उनके शव को उनके घर के बाहर रखा गया। पास में बैठी बहू पूरी रात दहाड़े मार कर रोती रहीं और हर नेता और मीडियाकर्मी को दुलारचंद के पैर में लगी गोली के घाव दिखाते हुए कह रहीं थीं-‘गाड़ी से खींच कर अनंत सिंह ने उन्हें मार दिया। करमबीर ने उन्हें गोली मारी। फिर उन्हें सड़क पर घसीट कर उन पर गाड़ी चढ़ाई। हमको सरकार से न्याय चाहिए। अनंत सिंह को गिरफ्तार कीजिए, उसे(अनंत सिंह) को फांसी दीजिए। तभी हम शव जाएंगे, नहीं तो शव यहीं पड़ा रहेगा। भतीजा बोला- जनसुराज का समर्थन करने पर नाराज हुए अनंत सिंह दुलारचंद की मौत के बाद अब परिजन इस बात को लेकर डरे हैं कि अनंत सिंह और उनके समर्थक अब उनपर भी हमला कर सकते हैं। दुलारचंद के भतीजे रवि कुमार रंजन ने बताया कि अनंत सिंह पहले से ही उन्हें धमकी दे रहे थे। उन्होंने इसे सोची-समझी राजनीतिक साजिश करार दिया। उनका आरोप है कि दुलारचंद यादव के जनसुराज को समर्थन देने से अनंत सिंह अपना ‘कोर वोट’ खिसकता देख बौखला गए थे। रवि रंजन ने कहा, मेरे दादाजी सदियों से अनंत सिंह के खिलाफ आवाज उठाते रहे। मोकामा विधानसभा में जो दबे-कुचले, शोषित हैं, उनके लिए अनंत सिंह के खिलाफ लड़ाई लड़ते थे। अनंत सिंह गांव-गांव में लड़ाई लगवाता था, उन लड़ाइयों में दुलारचंद यादव पंचायती करवाते थे, यही बात अनंत सिंह को बुरी लगती थी। इसके बाद जब दादाजी ने धानुक समाज (अति पिछड़ा) का समर्थन कर दिया, जो अनंत सिंह का कोर वोट था, तो अनंत सिंह ने सोचा कि अगर दुलारचंद यादव, पीयूष प्रियदर्शी के साथ नहीं घूमता, तो पीयूष पारदर्शी को मोकामा टाल में घुसने की हिम्मत नहीं होती। तो सारे समीकरण को उन्होंने जब जोड़ लिया, उसके बाद लग गया कि मोकामा जीतने के लिए एक ही विकल्प है कि दुलारचंद यादव का पत्ता साफ करो, रवि रंजन यादव का पत्ता साफ करो। भतीजा बोला- मेरे पिता को भी अनंत सिंह ने मरवाया था दुलारचंद के भतीजे ने आगे बताया, आज सुबह अनंत सिंह बौखलाए हुए आये थे। उनको मन में खोट था कि अगर कोई हम को हरा रहा है तो दुलारचंद यादव हरा रहा है। इसी बौखलाहट का परिणाम ये हुआ कि आज हमारे परिवार का जो मुकुट था, जो रोशनी थी, उसको आज अंधेरा करने का काम किया गया। रवि रंजन ने अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग करते हुए यह भी आरोप लगाया कि उनका परिवार लंबे समय से अनंत सिंह के निशाने पर है। उन्होंने कहा- अनंत सिंह टारगेट पर हमेशा से मेरा परिवार रहा है। मेरे पिताजी को भी उसने मरवाया, मेरे चाचा जी को भी मरवाया, और आज मेरे दादा जी को मरवाया। अब तो हमें ये डर लग रहा है कि घर से निकलने में भी डर लग रहा है। हम प्रशासन से गुहार करेंगे कि हमें सुरक्षा दी जाए। उनको (अनंत सिंह) तो AK-47 (मामले) में आरोपित भी रहते हैं तो उनको सरकार छुड़ा देती है। जब दिनदहाड़े मर्डर कीजिएगा, तो सोचिए कि बिहार की जनता क्या सोचेगी। भास्कर के पास वारदात का एक वीडियो… गांव में तकरीबन 3 घंटे तक रहने एक दौरान हमारे हाथ वारदात से पहले का एक एक्सक्लूसिव वीडियो लगा है, जिसमें दुलारचंद नजर आ रहे हैं। इसमें लाइन से गाड़ियां खड़ी नजर आ रह हैं। जनसुराज के कार्यकर्ता हंगामा करते हुए दिख रहे हैं। चल रहे हंगामे के बीच दुलारचंद हाथ में पत्थर लेकर किसी पर उसे फेंकते हुए नजर आ रहे हैं। इसे घटना के ठीक बाद का वीडियो बताया जा रहा है। दुलारचंद द्वारा पत्थर फेंके जाने का वीडियो उनके पोते, भतीजे और बहू के बयान के विपरीत है, जिसमें वे दावा कर रहे हैं कि उन्हें गाड़ी से खींचकर घेर कर मारा गया है। इस पत्थरबाजी के आरोप पर उनके भतीजे रवि रंजन ने कहा-कभी चोर कहेगा कि हम चोरी की है? ये तो जांच की विषय है। इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। पोस्टमॉर्टम जब हो तो डॉक्टर की कोर्ट कमेटी बैठाकर होनी चाहिए और हम तो बार-बार थाना प्रभारी, एसडीओ, एसएसपी को बोल रहे हैं कि तत्काल हमारे परिवार को सुरक्षा दीजिए, नहीं तो अगला मर्डर मेरा होगा। पथराव की 3 तस्वीरें देखिए… पप्पू यादव बोले–ये आतंकी हैं, जीत के लिए जो सामने आएगा मार देंगे हम परिवार से बात कर ही रहे थे कि कांग्रेस नेता और सांसद पप्पू यादव परिवार से मिलने मौके पर पहुंचे। उन्होंने इस घटना को ‘आतंक का माहौल’ बताते हुए सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने CBI जांच की मांग करते हुए कहा, चारों तरफ बिहार में आतंक का माहौल है और उसका संरक्षण बीजेपी (सरकार) है। ये नहीं है कि यादव को टारगेट किया गया। यादव को तो जितना मरवाया मरवाया, धानुक को जितना मरवाया मरवाया। खुद के स्व-जाति है, जो विरोध करता है उसको भी मरवाता। मतलब इतना बड़ा आतंक हो चुका है की इस आतंक के सामने कोई खड़ा रह ही नहीं सकता, क्योंकि सरकार पीछे में। एनडीए ने जितने आतंकी लोग हैं, सब को टिकट दिया है। गोपालगंज से लेके आरा, बक्सर, भागलपुर…इन इलाके में जितना आतंकी आपको देखिए ना…और सारे कैंडिडेट पर हमला कर रहे हैं… जो लोग बोलेंगे वो मरेंगे। जिंस जात के लोग बोलेंगे वो मरेंगे। हालात अच्छे नहीं हैं। इसीलिए मैं चाहूंगा की जरूरत पड़े तो सीबीआई इन्क्वायरी हो, स्पीडी ट्रायल हो। जो लोग इन्वॉल्व है, गिरफ्तारी हो, इस परिवार की और सारे विपक्ष के कैंडिडेट की सुरक्षा की व्यवस्था हो, नहीं तो मरवा देगा। लल्लू जी को, सूरजभान को… सबको… और प्रशासन मरवा देगा और चुनाव आयोग से हमें उम्मीद नहीं है। हमें उम्मीद सुप्रीम कोर्ट से और इसकी न्यायिक जांच है। पप्पू यादव बोले- निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद मत कीजिए आगे जब हमने पप्पू यादव से पूछा कि क्या आपको लगता है बिहार में फ्री ऐंड फेयर इलेक्शन (निष्पक्ष चुनाव) होगा? इस पर उन्होंने (पप्पू यादव ने) कहा, चुनाव जब ये (सरकार) हारने की स्थिति में आगे बढ़ते जा रहे हैं, तो… इस बार भी ये अपने गुंडाराज और इंस्पेक्टरराज की मिली भगत से जीतना चाहेगा। अब निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद मत कीजिए। वारदात के बाद मौके पर पहुंचे पटना ग्रामीण के SP विक्रम सिहाग ने घटना की पुष्टि करते हुए पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा, गुरुवार शाम (3:30-4:00 बजे) घोसवरी इलाके में दो राजनीतिक दलों (जनसुराज और JDU) के काफिले आमने-सामने आ गए। पहले दोनों पक्षों में कहासुनी हुई, जो बाद में हिंसक मारपीट में बदल गई। पुलिस को मौके पर जनसुराज की गाड़ी में दुलारचंद यादव (75) का शव मिला। उनके पक्ष ने आरोप लगाया है कि JDU प्रत्याशी के लोगों ने उन पर हमला किया। आरोप है कि दुलारचंद के पैर में (टखने और पंजे के बीच) गोली मारी गई और फिर उन्हें गाड़ी से कुचल दिया गया, जिससे उनकी मौत हो गई। अनंत सिंह समेत 5 लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज SP ने बताया कि JDU प्रत्याशी अनंत सिंह के पक्ष के भी कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं और उनके भी कुछ लोग घायल हुए हैं। उस पक्ष का भी दावा है कि उन पर हमला किया गया। वे इलाज के बाद अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। SP सिहाग ने स्पष्ट किया कि मौत का कारण अभी जांच का विषय है। उन्होंने कहा, प्रथम दृष्टया गोली पैर के पंजे में लगने की बात आई है। हमारे हिसाब से, सिर्फ इस चोट से मौत होना ‘संभावित’ नहीं लगता है। यह पता लगाने के लिए कि मौत का असली कारण गोली लगना है या गाड़ी चढ़ाया जाना, एक मेडिकल बोर्ड द्वारा वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। FSL और टेक्निकल टीम ने घटनास्थल की जांच की है। पुलिस ने परिवार की शिकायत पर अनंत सिंह समेत 5 लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। मोकामा से अनंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं ——————— ये खबर भी पढ़िए… मोकामा में RJD नेता की दिनदहाड़े हत्या,अनंत सिंह पर FIR:दुलारचंद की अंतिम यात्रा में हजारों की भीड़; दुकाने बंद; ‘बाहुबली को फांसी दो’ के नारे लगे मोकामा में गुरुवार (30 अक्टूबर) दोपहर RJD नेता दुलारचंद यादव (76) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दुलारचंद जन सुराज कैंडिडेट पीयूष प्रियदर्शी के साथ चुनाव प्रचार के काफिले में शामिल थे। इसी दौरान दूसरे पार्टी के लोगों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया। हत्या के बाद से परिवार गुस्से में है। रातभर बॉडी घर पर पड़ी रही। सुबह करीब 11 दुलारचंद की अंतिम यात्रा निकाली गई इसमें हजारों लोग मौजूद हैं। पंडारक में सभी दुकानें बंद कर दी गई हैं।सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा सिंह भी ट्रैक्टर में सवार होकर पोस्टमॉर्टम के लिए निकली हैं। इस दौरान ‘अनंत सिंह को फांसी दो’ के नारे लगे। पूरी खबर पढ़िए
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