पीलीभीत के तहसील अमरिया में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में अधिवक्ताओं ने गुरुवार को केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद का काफिला रोक कर ज्ञापन सौंपा। मंत्री अमरिया क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। इस दौरान अधिवक्ताओं ने उन्हें ज्ञापन सौंपकर एसडीएम अमरिया मयंक गोस्वामी पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। अधिवक्ताओं ने ज्ञापन में आरोप लगाया कि एसडीएम अमरिया द्वारा तहसील क्षेत्र में चल रहे ईंट भट्टों, नर्सिंग होम, मिट्टी खनन, कोटेदारों, ट्रक-ट्रैक्टर संचालन और स्कूलों से अवैध वसूली की जा रही है। उनका कहना है कि किसी भी न्यायिक या राजस्व मामले का निस्तारण धनराशि लिए बिना नहीं किया जाता। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि एसडीएम मयंक गोस्वामी के अंतर्गत आने वाले मुकदमों में संज्ञान नहीं लेते और बिना विचार किए सीधे उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज देते हैं। अधिवक्ताओं का आरोप है कि वे प्राइवेट व्यक्तियों के माध्यम से अवैध वसूली करवा रहे हैं। जबकि सरकारी कर्मचारियों की उपेक्षा की जा रही है। अधिवक्ताओं ने बताया कि वे 9 अक्टूबर 2025 से तहसील परिसर में धरना दे रहे हैं और इस संबंध में तीन बार जिलाधिकारी से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई है। उनका यह भी कहना है कि एसडीएम के आदेश पर सिविल कोर्ट से स्टे ऑर्डर वाले मामलों में भी मोटी रकम लेकर जमीनों का जबरन हस्तांतरण कराया जा रहा है। अधिवक्ताओं ने मांग की कि एसडीएम मयंक गोस्वामी का तत्काल तबादला किया जाए ताकि तहसील अमरिया में न्यायिक कार्य निष्पक्षता के साथ संचालित हो सके। केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने अधिवक्ताओं का ज्ञापन स्वीकार करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप गंभीर हैं, जिनकी रिपोर्ट मंगवाकर जांच कराई जाएगी। उन्होंने निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। मंत्री का काफिला कुछ देर रुकने के बाद कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना हो गया।
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