उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद का बेटा अली अहमद और उमर गैंग बनाकर वसूली करने लगे थे। उनके इशारे पर गैंग के 12 मेंबर हत्या, हत्या का प्रयास, देसी संगीन वारदातें अंजाम दे रहे थे। ये खुलासा पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में हुआ है। गैंगस्टर केस की इस इन्वेस्टिगेशन के पूरा होने के बाद प्रयागराज पुलिस ने अली और उसके 12 साथियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी है। अली को बनाया गया था गैंग लीडर पिछले साल अक्टूबर में तैयार गैंगस्टर रिपोर्ट में अली को गैंग लीडर घोषित किया गया था। इस लिस्ट में उसके बड़े भाई उमर, फूफा अखलाक अहमद, करीबी खान शोहरत हनीफ समेत कुल 15 लोगों के नाम शामिल थे। पुलिस जांच में पाया गया कि यह गिरोह हत्या, रंगदारी, जमीन कब्जा और फिरौती जैसे अपराधों में लिप्त था। इनामी अपराधी भी शामिल गैंग चार्ट में उमेश पाल हत्याकांड के फरार शूटर और ₹5 लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान के नाम भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ अभी विवेचना जारी है। गैंग के सक्रिय सदस्य पुलिस दस्तावेजों के अनुसार गैंग में शामिल सदस्य हैं —मो. उमर (28 वर्ष), कैश अहमद (50 वर्ष), राकेश उर्फ लाला (40 वर्ष), मो. अरशद (41 वर्ष), नियाज अहमद (41 वर्ष), इकबाल अहमद (46 वर्ष), शाहरूख (26 वर्ष), खान शौलत हनीफ (66 वर्ष), अखलाक अहमद (59 वर्ष), विजय कुमार मिश्र (43 वर्ष), सदाकत खान (28 वर्ष), गुड्डू मुस्लिम (47 वर्ष), अरमान (29 वर्ष) और साबिर (39 वर्ष)। संगठित आपराधिक नेटवर्क की तरह काम करता था गिरोह पुलिस का कहना है कि यह गिरोह अली अहमद के नेतृत्व में एक संगठित आपराधिक नेटवर्क की तरह काम करता था। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक और भौतिक लाभ के लिए हत्या, अपहरण, रंगदारी, फिरौती और जमीन कब्जे जैसे अपराधों को अंजाम देना था। यह गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय रहा है।
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