साहित्य आजतक 2025 का दूसरा दिन दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में जारी है, जहां इतिहासकार विक्रम संपत और हिंदोल सेनगुप्ता ने भारतीय इतिहास के औपनिवेशिक फ्रेमवर्क को चुनौती दी. उन्होंने बताया कि इतिहास लेखन में कई अनकही बातें और वीरांगनाओं की कहानियां छुपी हैं, जिन्हें आज तक नजरअंदाज किया गया.
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