अकेले लड़ने की हिम्मत है… सीट बंटवारे से पहले LJP दिखा रही ताकत, सामने रखा बिहार में चिराग फैक्टर

अकेले लड़ने की हिम्मत है… सीट बंटवारे से पहले LJP दिखा रही ताकत, सामने रखा बिहार में चिराग फैक्टर

बिहार में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही अब सभी की नजर उम्मीदवारों के ऐलान पर टिकी है. हालांकि राज्य में इस बार भी चुनाव राजनीतिक दलों की जगह राजनीतिक गठबंधनों के बीच ही लड़ा जा रहा है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की अगुवाई में महागठबंधन तो जनता दल यूनाइटेड (JDU) की अगुवाई में एनडीए चुनाव मैदान में उतर रहा है. सत्तारुढ़ एनडीए में शामिल घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग पर बात अभी नहीं बन सकी है. इस बीच चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) राज्य में अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में है ताकि उसे अधिक से अधिक सीटें हासिल हो जाए. जीतन राम मांझी भी अपनी पार्टी के लिए ज्यादा से ज्यादा सीटों की जोर- आजमाइश में लगे हैं.

सीट शेयरिंग को लेकर जारी मंथन के बीच लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आज बुधवार को दल के संस्थापक और अपने पिता रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि वह उनके दिखाए मार्ग और बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट के सपने को साकार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.

सीट शेयरिंग के पहले पापा को किया याद

चिराग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, पापा, आपकी पुण्यतिथि पर आपको मेरा नमन. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके दिखाए मार्ग और आपके विजन बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट को साकार करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हूं. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के समग्र और सर्वांगीण विकास का जो सपना रामविलास पासवान ने देखा था, उसे अब धरती पर उतारने का समय आ गया है. उन्होंने कहा, आपने जो जिम्मेदारी मेरे कंधों पर सौंपी थी, उसे निभाना मेरे जीवन का उद्देश्य और कर्तव्य है.


इस बीच एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर जारी मंथन के बीच चिराग की पार्टी दबाव बनाने में लगी है. लोक जनशक्ति पार्टी के बिहार प्रमुख वेद प्रकाश पांडे ने प्रेशर पॉलिटिक्स का दांव चलते हुए कहा, “चिराग फैक्टर… ये वो फैक्टर है जो बिहार की दिशा तय करता है, और इसका प्रमाण हमारा 100 फीसदी स्ट्राइक रेट है. हममें अकेले लड़ने की हिम्मत है. अकेले लड़ कर 137 सीट पर 6 फीसदी से अधिक वोट लेकर आए थे. अगर हम 243 पर लड़े होते तो हमारे नेता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग की नीतियों के साथ बिहार का जनमानस बुलंदी से खड़ा होता.”

चिरागमय बनेगा बिहारः LJP के प्रदेश अध्यक्ष

उन्होंने आगे कहा, “2025 का बिहार विधानसभा चुनाव नई लकीर खींचेगा, राज्य उन्नति और प्रगति के राह पर बढ़ने को बेताब है, बिहार को फर्स्ट बनाने और बिहारियों को फर्स्ट बनाने को बिहार और एक-एक बिहारी आतुर है.”


बिहार के युवाओं की ताकत का जिक्र करते हुए वेद प्रकाश पांडे आगे लिखते हैं, “युवा दशा और दिशा बदलते है, आज की युवा तैयार है, युवा बिहारी के साथ बढ़ने को, युवा बिहार बनाने को… आज बिहार के घर-घर में, गली-गली में और गांव-गांव में कोई चेहरा चर्चित है तो वो मेरे नेता का है, लोग जिसकी नीतियों के साथ चलना चाहते है वो मेरे नेता हैं. ना जात, ना धर्म, ना मजहब हमारे नेता बात करते हैं बिहारी की और बिहार की. इस पर बिहार को गर्व है, एक-एक बिहारी को गर्व है. बिहार का है ऐलान. चिरागमय बनेगा बिहार! जय बिहार!! जय चिराग!”

सीट शेयरिंग पर NDA में मामला उलझता जा रहा

कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड पार्टी और बीजेपी के बीच सहमति बनती दिख रही है. सूत्रों का दावा है कि दोनों दल करीब 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. जेडीयू को एक सीट अधिक मिलेगी. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने शुरू में 40 सीटों की मांग की थी. लेकिन अभी तक उनके साथ सीट शेयरिंग पर बात बन नहीं सकी है.

इसी तरह सिर्फ चिराग ही नहीं बल्कि एनडीए की एक अन्य सहयोगी पार्टी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) भी ज्यादा सीटें मांग रही है. मांझी कम से कम 20 सीटें चाह रहे हैं, जबकि उन्हें 10 से कम सीटें दी जा रही है. मांझी इससे नाराज हैं, और वह पिछले दिनों दिल्ली आ गए थे.

सीट ही नहीं कुछ और चीजों की भी डिमांड कर रही LJP

सूत्रों का कहना है चिराग की पार्टी सीट के साथ-साथ कुछ अन्य मांगें भी कर रही है जिसमें राज्यसभा की एक सीट और विधान परिषद की एक सीट शामिल है. पार्टी बिहार में कुछ खास विधानसभा क्षेत्र भी चाहती है, जहां उनकी पार्टी को अपने लिए बेहतर संभावनाएं दिखती हैं. पार्टी ने पिछले साल लोकसभा चुनाव में जीते गए पांच लोकसभा क्षेत्रों में से हर में से कुछ विधानसभा सीट की मांग कर रही है.

एलजेपी का कहना है कि पिछली बार जब उसने 2015 में बीजेपी की अगुवाई वाले गठबंधन के हिस्से के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था, उस समय उसे बिहार की 243 सीटों में से 43 सीटें दी गई थीं. हालांकि जेडीयू एनडीए का हिस्सा नहीं थी. बाद में जेडीयू एनडीए में आ गई, लेकिन चिराग की पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अपने मतभेदों की वजह से 2020 में गठबंधन से बाहर हो गई थी और अकेले लड़ते हुए उसने जेडीयू को काफी नुकसान पहुंचाया था. हालांकि पार्टी को सिर्फ एक ही सीट पर जीत मिली थी.

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