अंबेडकरनगर में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विभाग पर मनमानी और भेदभाव के आरोप लगे हैं, खासकर दो निजी अस्पतालों की जांच को लेकर विवाद गहरा गया है। कुसुम सर्जिकल एंड मैटरनिटी सेंटर के संचालक सूर्यनाथ यादव ने एसडीएम जलालपुर को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उनके बेटे द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) और डिप्टी सीएमओ के भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री तक किए जाने के बाद विभाग उन्हें जानबूझकर परेशान कर रहा है। सूर्यनाथ यादव के अनुसार एक पुराने, एडिटेड और डीप फेक वायरल वीडियो के आधार पर उनके अस्पताल की दोबारा जांच कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में इसी मामले पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नोटिस का जवाब पहले ही दिया जा चुका है। एक साल बाद फिर से कमेटी बनाकर जांच करना पूरी तरह से वैधानिक प्रक्रिया के विपरीत है। इसी तरह, साकेत हॉस्पिटल की जांच को लेकर भी विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक, अगस्त माह में रामजीत नामक व्यक्ति ने साकेत हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उनकी बेटी की मौत हो गई थी। इस मामले में हॉस्पिटल संचालक की पत्नी और बीजेपी नेता डॉ. रजनीश सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को नोटिस का जवाब पहले ही भेजा जा चुका है। ऐसे में तीन महीने बाद दोबारा जांच शुरू करना अनुचित है। इन लगातार हो रही विवादित जांचों से स्वास्थ्य विभाग की निष्पक्षता और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि पूरे मामले में सीएमओ डॉक्टर संजय शैवाल ने बताया कि आरोप निराधार है। साकेत अस्पताल की शिकायत हुई थी।नोटिस भी भेजा गया। बीच मे फाइल गुम हो गई थी।अब मिली है। इसलिए जांच शुरू हुई। वही दूसरे अस्पताल पर सीएमओ ने बताया कि वीडीओ के आधार पर जांच कमेटी बनाई गई है। अस्पताल संचालक ने जबाब दे दिया तो इस मामले में जांच अधिकारी डिप्टी सीएमओ रामानन्द से भी पूछताछ कर जबाब मांगा जाएगा।
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