‘हम आपके साथ’… डॉक्टर पति को रिश्वत लेते ACB ने दबोचा, पत्नी से हमदर्दी दिखाने पहुंच गए साथी
राजस्थान की राजधानी जयपुर में एसीबी की टीम ने बीते गुरुवार को सवाई मानसिंह अस्पताल में बड़ी कार्रवाई करते हुए न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी और SMS मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. मनीष अग्रवाल को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. इस कार्रवाई के बाद SMS अस्पताल के डॉक्टरों में हड़कंप मच गया. एसीबी की टीम ने ट्रैप की कार्रवाई डॉक्टर मनीष अग्रवाल के टोंक रॉड स्थित घर पर की.
वहीं इस कार्रवाई के दौरान डॉक्टर मनीष अग्रवाल के परिचित और अन्य डॉक्टर उनके घर के बाहर इकट्ठे हो गए और भ्रष्ट डॉक्टर की पत्नी को सांत्वना देते हुए कहते नजर आए कि चिंता की कोई बात नहीं है, हम आपके साथ हैं. सांत्वना देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं यूजर भ्रष्ट डॉक्टर को कोसते हुए कमेंट कर रहे हैं. डॉक्टर मनीष अग्रवाल के भ्रष्टाचार से पड़ोसी भी त्रस्त नजर आए. एसीबी की टीम की कार्रवाई की भनक पड़ोसियों को लगी तो आस-पड़ोस के लोगों ने तालियां बजाकर खुशी का इजहार किया. पड़ोसियों ने कहा कि इससे ज्यादा भ्रष्ट डॉक्टर हमने जिंदगी में नहीं देखा.
बिल पर सिग्नेचर करने की एवज में मांगी थी रिश्वत
एसीबी के एडिशनल एसपी संदीप सारस्वत ने बताया कि जयपुर एसीबी को एक शिकायत मिली थी कि डॉ. मनीष अग्रवाल, जो न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख और कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल हैं, उनके खिलाफ परिवादी से ब्रेन कॉइल के बिलों पर काउंटर सिग्नेचर करने के बदले रिश्वत की मांग की जा रही है. उसके बाद ट्रैप की कार्रवाई की गई और डॉ. मनीष अग्रवाल को एक लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया.
एडिशनल एसपी संदीप सारस्वत ने बताया कि परिवादी का काम अस्पताल में न्यूरो सर्जरी के लिए ब्रेन कॉइल सप्लाई करने का है. शिकायत की सत्यता की जांच के बाद एसीबी की टीम ने ट्रैप की कार्रवाई की और डॉ. मनीष अग्रवाल को एक लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी डॉक्टर से पूछताछ की जा रही है. टीम इस मामले में सभी संबंधित दस्तावेज और वित्तीय रिकॉर्ड की जांच कर रही है. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि डॉ. मनीष अग्रवाल से पूछताछ में SMS अस्पताल में हो रहे भ्रष्टाचार में कई और बड़े नाम सामने आएंगे.
एडमिट और डिस्चार्ज होने वाले पेशेंट तक से करता था वसूली
जानकारी में सामने आया कि भ्रष्टाचारी डॉ. मनीष अग्रवाल SMS अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में एडमिट होने और डिस्चार्ज होने वाले पेशेंट से भी पैसे लेता था. न्यूरो सर्जरी विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि डॉ. मनीष अग्रवाल के भ्रष्टाचार का आलम यह था कि न्यूरो सर्जरी वार्ड में आने वाले मरीजों को भी नहीं छोड़ता था. पेशेंट के एडमिट होने से लेकर डिस्चार्ज होने तक डॉ. मनीष अग्रवाल मोटी रकम वसूला करता था.
SMS अग्निकांड में सस्पेंड होता तो…
5 अक्टूबर की रात जयपुर के SMS अस्पताल के न्यूरो सर्जरी वार्ड की आईसीयू में जब भीषण आग लगी तो इसकी गाज डॉ. मनीष अग्रवाल जो कि न्यूरो सर्जरी वार्ड के एचओडी थे, उन पर गिरना लगभग तय था, लेकिन अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए डॉ. मनीष अग्रवाल ने अपना सस्पेंशन रुकवा लिया था. 9 अक्टूबर को एसीबी की टीम ने एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए डॉ. मनीष अग्रवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया. डॉ मनीष अग्रवाल अगर SMS अस्पताल के न्यूरो सर्जरी वार्ड अग्निकांड में सस्पेंड हो जाता तो रिश्वत लेते हुए एसीबी से ट्रैप नहीं होता.
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