शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने जमशेदजी टाटा को किया याद, बताया-क्यों जरूरी है टाटा संस की लिस्टिंग?

शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने जमशेदजी टाटा को किया याद, बताया-क्यों जरूरी है टाटा संस की लिस्टिंग?

टाटा संस के सबसे बड़े शेयरधारकों में से एक, शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने शुक्रवार को कंपनी की पब्लिक लिस्टिंग की मांग की. इस अवसर पर एक सार्वजनिक बयान जारी किया गया जिसमें दोनों प्रतिष्ठित व्यावसायिक घरानों के बीच संबंधों का उल्लेख किया गया. बयान में कहा गया है कि टाटा संस की पब्लिक लिस्टिंग केवल एक वित्तीय कदम नहीं है – यह एक नैतिक और सामाजिक अनिवार्यता है. इसमें कहा गया है कि इससे लिस्टेड टाटा कंपनियों के 1.2 करोड़ से अधिक शेयरधारकों, जो टाटा संस के अप्रत्यक्ष शेयरधारक हैं, के लिए महत्वपूर्ण मूल्य उपलब्ध होगा.

टाटा संस की लिस्टिंग से एसपी ग्रुप को काफ़ी फ़ायदा होगा. ग्रुप पर कुल 55,000-60,000 करोड़ रुपए का कर्ज़ होने का अनुमान है. मई में, इसने 19.75 फीसदी की भारी ब्याज दर पर नॉन-कंवर्टेबल डिबेंचर जारी करके निजी लेनदारों से 3.4 अरब डॉलर (करीब 29,000 करोड़ रुपए) जुटाए थे. पब्लिक लिस्टिंग से टाटा संस को कंपनी में अपनी 18.37 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर कर्ज़ चुकाने में मदद मिल सकती है.

जमशेदजी टाटा किया गया याद

शुक्रवार के बयान में टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा का उल्लेख करते हुए कहा गया कि टाटा संस की लिस्टिंग से इसके फाउंडर पिता द्वारा परिकल्पित पारदर्शिता की भावना को बल मिलेगा. बयान में टाटा ट्रस्ट्स में हाल के घटनाक्रमों को भी स्वीकार किया गया, जहां ट्रस्टियों के बीच मतभेद सामने आए हैं. 7 अक्टूबर को, टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष नोएल टाटा, दो ट्रस्टियों और टाटा संस के अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखरन के साथ, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गृह मंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में मिले. बयान में कहा गया है कि टाटा ट्रस्ट के आंतरिक मामलों से संबंधित हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर, हमारी लॉन्ग स्टैंडिंग पॉजिशन को समय पर दोहराना काफी जरूरी है.

आरबीआई की गाइडलाइन मानने की जरुरत

मिस्त्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने टाटा संस को 30 सितंबर, 2025 तक ऊपरी स्तर के वर्गीकरण में सूचीबद्ध करने की समयसीमा तय की थी. उन्होंने इस निर्देश को गंभीरता और नियामकीय प्रतिबद्धताओं के सम्मान के साथ देखे जाने की जरूरत बताई. मिस्त्री के मुताबिक, आरबीआई का पैमाना-आधारित नियामकीय ढांचा यह स्पष्ट करता है कि एक एनबीएफसी को अपने निवेशकों के हितों के लिए हानिकारक ढंग से काम नहीं करना चाहिए. मिस्त्री ने कहा कि आरबीआई एक संवैधानिक एवं स्वायत्त संस्था है और यह समानता, न्याय और सार्वजनिक हित के सिद्धांतों के आधार पर निर्णय लेगी. टाटा ग्रुप की प्रवर्तक एवं मूल कंपनी टाटा संस में टाटा ट्रस्ट के पास 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है. उन्होंने कहा कि शापूरजी पलोनजी समूह हमेशा से ही टाटा संस की पब्लिक लिस्टंग का समर्थन करता आया है.

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