लखनऊ यूनिवर्सिटी की छात्रा ने बुक की बाइक राइड… सुनसान जगह ले गया ड्राइवर, फिर करने लगा गलत हरकत
उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एक युवती के साथ छेड़खानी की घटना सामने आई है. युवती ने एक ऐप से बाइक राइड बुक की थी, लेकिन जैसे ही वह बाइक पर बैठी. बाइक ड्राइवर ने रास्ता बदल लिया और लड़की को शॉर्टकट के नाम पर सुनसान जगह ले जाने लगा. लड़की ने इसका विरोध किया तो उसने लड़की पर गलत कमेंट किए और उसे गलत तरीके से टच भी किया.
दरअसल, 8 अक्टूबर 2025 की रात करीब 10 बजे लखनऊ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक छात्रा ने अपने घर सुशांत गोल्फ सिटी जाने के लिए एक ऐप के जरिए बाइक राइड बुक की. ड्राइवर राहुल अग्निहोत्री समय पर पिकअप पॉइंट पर पहुंचा, लेकिन थोड़ी देर बाद ड्राइवर ने जानबूझकर रास्ता बदल दिया और बाइक को सुनसान इलाके की ओर ले जाने लगा. जब युवती ने इसका विरोध किया, तो ड्राइवर का असली चेहरा सामने आया.
गलत तरीके से छूने की कोशिश की
ड्राइवर ने लड़की के ऊपर गलत कमेंट किया. इसके साथ ही उसने लड़की के साथ बदसलूकी करते हुए युवती को गलत तरीके से छूने की कोशिश की. डर और घबराहट के बीच युवती ने हिम्मत दिखाई और ड्राइवर को रुकने के लिए कहा. इसके बाद ड्राइवर ने उसे विवेकानंद अस्पताल के पास उतार दिया और मौके से फरार हो गया. घटना के बाद डरी-सहमी युवती ने तुरंत अपने घर वालों को फोन किया. परिजनों ने उसे हौसला दिया और तुरंत मामले की जानकारी पुलिस को दी.
पुलिस ने ड्राइवर की पहचान की
इसके बाद 9 अक्टूबर को थाना महानगर में शिकायत दर्ज की गई. पीड़िता ने पुलिस को बताया कि ड्राइवर ने न सिर्फ रास्ता बदला. बल्कि उसका व्यवहार बेहद आपत्तिजनक था. उसने डराने की कोशिश की और गलत तरीके से टच भी किया. लखनऊ पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया. ई-चालान ऐप की मदद से वाहन नंबर के आधार पर ड्राइवर की पहचान की.
ड्राइवर को गिरफ्तार कर जेल भेजा
आरोपी ड्राइवर की पहचान राहुल पीजीआई थाना क्षेत्र के एकतानगर के रहने वाले राहुल अग्निहोत्री के रूप हुई. जब पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया, तो उसने उल्टा पुलिस से ही उलझने की कोशिश की और आक्रामक व्यवहार दिखाया, लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. मामले की जांच के लिए मिशन शक्ति टीम की सब-इंस्पेक्टर दीप्ति, रश्मि सिंह और महेश कुमार शुक्ला को जिम्मेदारी सौंपी गई है. पुलिस ने राइड-शेयरिंग कंपनी से ड्राइवर के सत्यापन से जुड़ी जानकारी मांगी है. ताकि यह पता लगाया जा सके कि कंपनी ने ड्राइवर के बैकग्राउंड के बारे में ठीक से जांच की थी या नहीं.
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