मिडिल ईस्ट के किस देश से डबल होगा कारोबार, भारत ने ब्लूप्रिंट किया तैयार
भारत पर अमेरिका टैरिफ का बोझ सबसे ज्यादा है. 50 फीसदी टैरिफ के साथ भारत के एक्सपोर्ट में कमी आना लाजिमी है. जिसकी वजह से देश की इकोनॉमी को नुकसान होने की संभावना है. ऐसे में भारत ने उन विकल्पों की जाना शुरू कर दिया है, जिससे ना केवल अमेरिकी टैरिफ के नुकसान की भरपाई की जा सके. साथ ही अपने इकोनॉमी को और मजबूत बनाया जा सके. इसके लिए भारत ने मिडिल ईस्ट की ओर रुख किया है. खासकर खाड़ी के उन देशों के साथ बातचीत शुरू की है, जिनसे कारोबार तो है, लेकिन उतना नहीं जितना होना चाहिए. इसके लिए भारत ने फ्री ट्रेड का अपना पुराना प्लान एग्जीक्यूट कर दिया है. इस बार भारत कॉमर्स मिनिस्टर ने कतर को अपने पाले में लिया है. साथ ही एक ऐसा ब्लूप्रिंट तैयार किया है, जिससे आने वाले 5 साल यानी 2030 तक दोनों देशों के बीच ट्रेड डबल हो सके. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पीयूष गोयल की ओर से इस मामले में किस तरह की जानकारी दी गई है.
कुछ ऐसा है ब्लूप्रिंट
कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने अपने कतर दौरे पर कहा कि भारत और कतर जल्द ही एक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत की रूपरेखा को अंतिम रूप देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच यह समझौता अगले साल के मध्य या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी के साथ विचार-विमर्श किया. गोयल दो दिवसीय यात्रा पर यहां आए हैं. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि मुझे लगता है कि अगले साल के मध्य या तीसरी तिमाही तक हम एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप दे पाएंगे….
5 साल में डबल होगा कारोबार
मंत्री ने कहा कि हमने चर्चा की है कि हमें एफटीए वार्ता शीघ्र शुरू करनी चाहिए. हम संदर्भ की शर्तों की रूपरेखा पर चर्चा कर रहे हैं और एक बार जब हम इसे अंतिम रूप दे देंगे, तो हम इसे आगे बढ़ाएंगे, ताकि व्यापार और व्यवसाय 2030 तक मौजूदा 14 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना होकर 30 अरब अमेरिकी डॉलर हो जाए. उन्होंने कहा कि मैं यहां ढेरों अवसर और संभावनाएं देख सकता हूं. गोयल ने कहा कि कृषि, खाद्य उत्पाद, गैर-पारंपरिक ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, डेटा सेंटर, पर्यटन, सौंदर्य प्रसाधन, फार्मा और कृत्रिम मेधा में सहयोग बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं.
कतर का भारत में निवेश
कतर के 10 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इसमें से 4-5 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश पहले ही हो चुका है और 1-1.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश लगभग अंतिम चरणों में है. उन्होंने कहा कि वे (कतर) भारत में अच्छे प्रवर्तकों और अच्छी परियोजनाओं की तलाश में हैं और मुझे उम्मीद है कि सीआईआई और फिक्की जैसे हमारे संगठन निवेश के बहुत अच्छे अवसर प्रदान करेंगे. कतर खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 14.15 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक था.
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/Wuxhvbr
Leave a Reply