बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में बवाल… ABVP ने 200 लोगों के खिलाफ दर्ज करवाई FIR, पूर्व SP MLA का भी नाम शामिल
उत्तर प्रदेश के झांसी में स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में शुक्रवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के शांतिपूर्ण धरने के दौरान समाजवादी पार्टी (छात्र सभा), कांग्रेस (एनएसयूआई) और पीडीए से जुड़े नेताओं पर हमला करने के गंभीर आरोप लगे, जिसके बाद हंगामा शुरू हुआ.
यह पूरा मामला एबीवीपी की ओर से थाना नवाबाद में दर्ज कराई गई FIR से जुड़ा है. एबीवीपी का आरोप है कि ‘समर्थ पोर्टल’ की समस्याओं को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे थे, तभी अचानक करीब 200 की संख्या में समाजवादी पार्टी (छात्र सभा), कांग्रेस (एनएसयूआई) और पीडीए के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर हमला बोल दिया.
11 नामजद समेत 200 के खिलाफ केस
एबीवीपी की शिकायत के मुताबिक हमलावरों ने न सिर्फ गाली-गलौज की बल्कि हाथापाई, गला दबाने, छात्रा बहनों के साथ अभद्रता करने और जान से मारने की धमकी तक दी.एबीवीपी ने अपनी FIR में जिन लोगों को आरोपी बताया है. उनमें प्रमुख रूप से पूर्व सपा विधायक दीप नारायण सिंह यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, जिशान रजा, धीरज यादव, शैलेन्द्र बसेला, नरेश यादव उर्फ बब्बा, अमन यादव, अंकित यादव (खैलार), सुधेश यादव, ऋषभ यादव, विश्व प्रताप यादव समेत लगभग 200 अज्ञात समर्थक का नाम शामिल है.
SI सुशील कुमार द्विवेदी को सौंपी जांच
नवाबाद थाने में एबीवीपी कार्यकर्ता शिवम भास्कर के बेटे देवेंद्र भास्कर, जो झांसी के बड़ा गांव के कोछा भंवर के रहने वाले हैं. उनकी ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया है. पुलिस ने एबीवीपी की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच की जिम्मेदारी एसआई सुशील कुमार द्विवेदी को सौंपी गई है. थाना प्रभारी जेपी पाल ने बताया कि FIR दर्ज कर ली गई है और सभी तथ्यों की जांच की जा रही है.
पुलिस के मुताबिक एबीवीपी के लगाए गए सभी आरोपों की जांच की जा रही है. दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. विश्वविद्यालय परिसर में फिलहाल पुलिस बल तैनात है और माहौल तनावपूर्ण बताया जा रहा है. प्रशासन की ओर से कहा गया है कि किसी भी छात्र संगठन को कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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