नोबेल विजेता मचाडो ने ट्रंप को समर्पित किया अवॉर्ड, क्या US राष्ट्रपति का दर्द होगा कम?
शांति के लिए नोबेल पाने का सपना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अधूरा रह गया है. ये अवार्ड वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया माचोडो के हिस्से आया है. इस पुरस्कार को पाने के लिए ट्रंप की ओर से किए गए प्रयास किसी से छिपे नहीं है. भले ही ट्रंप नोबेल पाने में फैल रहे हों, लेकिन मारिया माचोडो के इस खास कदम से ट्रंप के जख्मों पर मरहम लग सकता है.
वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो ने शुक्रवार को अपना नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की जनता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को समर्पित करने का ऐलान किया, इसके पीछे उन्होंने वेनेजुएला की जनता और ट्रंप का देश के लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को निर्णायक समर्थन देना बताया.
ट्रंप के लिए क्या बोली मारिया कोरिना?
मारिया ने पुरस्कार जीतने के बाद एक्स पर लिखा, “मैं यह पुरस्कार वेनेजुएला के पीड़ित लोगों और राष्ट्रपति ट्रंप को हमारे मकसद के लिए उनके खास समर्थन के लिए समर्पित करती हूं!”
This recognition of the struggle of all Venezuelans is a boost to conclude our task: to conquer Freedom.
We are on the threshold of victory and today, more than ever, we count on President Trump, the people of the United States, the peoples of Latin America, and the democratic
— María Corina Machado (@MariaCorinaYA) October 10, 2025
साथ ही मारिया ने आगे कहा कि हम जीत की दहलीज पर हैं और आज, पहले से कहीं ज़्यादा, हम राष्ट्रपति ट्रंप, अमेरिका की जनता, लैटिन अमेरिका की जनता और दुनिया के लोकतांत्रिक देशों पर स्वतंत्रता और लोकतंत्र हासिल करने के लिए अपने प्रमुख सहयोगियों के रूप में भरोसा करते हैं.
बता दें मारिया पिछले एक साल से वेनेज़ुएला की सरकार के निशाने पर हैं, मारिया ने चुनावों में सत्तावादी वामपंथी राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर धांधली का आरोप लगाया है.
क्यों मिला मारिया मचोडा को नोबेल?
मचाडो को वेनेजुएला के चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने पूर्व राजनयिक एडमंडो गोंजालेज उरुतिया के लिए प्रचार किया. नोबेल समिति ने वेनेजुएला के लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने में उनकी कोशिशों और तानाशाही से लोकतंत्र के बदलाव के लिए उनके शांतिपूर्ण संघर्ष का उल्लेख किया.
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