जैसलमेर: 20 मौतें…शॉर्ट सर्किट, एसी गैस लीक, डिग्गी में रखे थे पटाखे; लग्जरी बस कैसे बन गई आग का गोला?

जैसलमेर: 20 मौतें…शॉर्ट सर्किट, एसी गैस लीक, डिग्गी में रखे थे पटाखे; लग्जरी बस कैसे बन गई आग का गोला?

राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार का दिन अमंगल साबित हुआ. जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर दोपहर लगभग 3:30 बजे एक चलती एसी स्लीपर बस में अचानक आग लग गई. इस हादसे में 20 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई. वहीं, 16 यात्री गंभीर रूप से झुलस गए, जिन्हें जोधपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बस में कुल 57 यात्री सवार थे. यह निजी बस जैसलमेर से जोधपुर जा रही थी.

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बस के पिछले हिस्से से धुआं निकलते ही यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई. ड्राइवर ने तुरंत बस को सड़क किनारे रोकने की कोशिश की, लेकिन इससे पहले ही आग ने पूरे वाहन को अपनी चपेट में ले लिया. कुछ यात्री अपनी जान बचाने के लिए चलती बस से कूद पड़े, लेकिन कई लोग अंदर ही फंस गए.

डीएनए टेस्ट से होगी शवों की पहचान

हादसा इतना भीषण था कि कई शव पूरी तरह जल चुके हैं, जिससे मृतकों की पहचान करना मुश्किल हो गया है. जिला प्रशासन ने मृतकों की पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए करने का निर्णय लिया है. जोधपुर में डीएनए टेस्ट पूरा करने के लिए अजमेर और बीकानेर से विशेषज्ञ टीमों को बुलाया गया है.

बस में कैसे भड़की आग?

पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी महाराज ने हादसे में 20 लोगों की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है. विधायक ने कहा कि बस जैसलमेर से रवाना होने के महज दस मिनट बाद ही आग की लपटों में घिर गई. वहीं, ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि बस में एसी गैस लीक हो गई थी. इसी वजह से शॉर्ट सर्किट हो गया और आग भड़क गई. वहीं, मौके पर मौजूद कुछ लोगों का कहना है कि बस की डिग्गी में पटाखे रखे थे. पटाखों ने ही आग भड़काने का काम किया.

Road Accident (2)

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग, राहगीर और सेना के जवान मौके पर पहुंच गए और बचाव कार्य शुरू किया. दमकल और पुलिस को तत्काल सूचना दी गई और आग पर काबू पाने के लिए कई घंटे तक प्रयास जारी रहा. सभी घायलों को पहले जैसलमेर के जवाहर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से गंभीर रूप से झुलसे 16 यात्रियों को जोधपुर रेफर किया गया है. बताया जा रहा है कि कई मरीज 70 प्रतिशत तक जल चुके हैं. केके ट्रैवल्स की बस थी.

हादसे पर सीएम ने जताया दुख

हादसे के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद मंगलवार रात जैसलमेर पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों से पूरी घटना की जानकारी ली और घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों और घायलों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, जैसलमेर में बस में लगी आग की घटना अत्यंत हृदय विदारक है. इस दुखद हादसे से प्रभावित नागरिकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. संबंधित अधिकारियों को घायलों के समुचित उपचार एवं प्रभावितों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ समेत कई नेताओं ने इस भीषण हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है. अशोक गहलोत ने कहा, 20 लोगों की मृत्यु की सूचना से मन विचलित है. यह हादसा बेहद दर्दनाक और पीड़ादायक है.

Road Accident (1)

जैसलमेर जिला प्रशासन ने तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया. कलेक्टर प्रताप सिंह ने सभी अधिकारियों को घायलों के लिए तत्काल चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने मृतकों के परिजनों से संपर्क करने की अपील की है ताकि डीएनए मिलान प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जा सके. सेना के ट्रकों से शवों को जोधपुर लाया गया, जहां राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) में डीएनए जांच की जाएगी.

प्रशासन ने पीड़ित परिवारों और आम नागरिकों की सहायता के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:

जोधपुर हेल्पलाइन नंबर:

* जिला नियंत्रण कक्ष: 0291-2650349, 2650350
* महात्मा गांधी अस्पताल: 09414159222
* राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला (FSL): 9414919021

जैसलमेर हेल्पलाइन नंबर:

* ट्रॉमा सेंटर, जवाहर अस्पताल: 9460106451, 9636908033
* जिला हेल्पलाइन: 9414801400, 8003101400, 02992-252201, 02992-255055

यह भयावह हादसा न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन कितना आवश्यक है. प्रशासन ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि बस में सुरक्षा उपकरण और आपातकालीन व्यवस्था पर्याप्त थीं या नहीं.

जैसलमेर की इस दर्दनाक घटना ने कई परिवारों को हमेशा के लिए उजाड़ दिया. अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि डीएनए पहचान प्रक्रिया कितनी शीघ्र पूरी होती है और सरकार पीड़ित परिवारों को किस तरह की सहायता प्रदान करती है.

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