जेल में लगेंगे जैमर, अपराधियों का कटेगा कनेक्शन… इस प्लान से UP सरकार करेगी प्रदेश की सुरक्षा
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जेलों में मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के दुरुपयोग को पूरी तरह से रोकने के लिए कड़ा कदम उठाया है. राज्य के छह प्रमुख कारागारों में आधुनिक ‘टावर ऑफ हार्मोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम’ (T-HCBC) आधारित मोबाइल जैमर लगाए जाएंगे. इसके लिए प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने 9.14 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत कर दी है. यह निर्णय जेलों में सिग्नल जाम करने वाली तकनीक से सुरक्षा को अभेद्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो अपराधियों के बाहरी संपर्क को तोड़ने का प्रयास करता है.
हर प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों- जैसे मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप, वाई-फाई, ब्लूटूथ, जीपीआरएस, एनएफसी, इंटरनेट, ई-मेल और एमएमएस के सिग्नल को पूरी तरह जाम कर देंगे. इन्हें जिला कारागार लखनऊ, चित्रकूट, कासगंज, आजमगढ़, अंबेडकर नगर और केंद्रीय कारागार बरेली-2 में स्थापित किया जाएगा. सरकार का मानना है कि इससे जेलों के अंदर से अपराध की साजिशें रचने और बाहरी दुनिया से संपर्क रखने की क्षमता समाप्त हो जाएगी.
सजा और जुर्माने का भी है प्रावधान
यह कदम 2021 में लागू किए गए प्रिजन एक्ट के संशोधन की कड़ी है, जिसमें जेलों में मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध घोषित किया गया था. पकड़े जाने पर बंदियों को 3 से 5 वर्ष तक अतिरिक्त कारावास और 50 हजार रुपये तक का अर्थदंड का प्रावधान है. जेल कर्मचारियों की मिलीभगत पर भी सीधे एफआईआर दर्ज करने का नियम है. लेकिन इसके बावजूद जेलों से मोबाइल लीकेज की खबरें थमने का नाम नहीं ले रही हैं.
धमकी से हत्या तक का कनेक्शन
बीते फरवरी में गाजीपुर जेल से एक युवक को बंदी द्वारा धमकी भरा फोन मिलने का मामला सुर्खियों में रहा. इसी तरह, पिछले वर्ष 3 दिसंबर को भदोही के जिला कारागार में हत्या के आरोपी मोहम्मद कलीम के बिस्तर से मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड बरामद हुए. ऐसी घटनाएं राज्य की जेलों से लगातार सामने आ रही हैं, जो सुरक्षा में चूक की ओर इशारा करती हैं. मोबाइल के जरिए बंदी संगठित अपराध, ड्रग्स तस्करी या यहां तक कि जेल तोड़ने की साजिशें रच रहे हैं.
‘सुरक्षित जेल, सुरक्षित समाज’
ये जैमर टावर जेल परिसर के हर कोने में सिग्नल को ब्लॉक करेंगे, बिना आसपास के सामान्य संचार को प्रभावित किए. योगी सरकार की यह पहल ‘सुरक्षित जेल, सुरक्षित समाज’ के विजन को मजबूत करती है. पहले भी राज्य में जेल सुधारों के तहत सीसीटीवी, बॉडी कैमरा और डिजिटल मॉनिटरिंग बढ़ाई गई है, लेकिन मोबाइल जैमर अब एक नया आयाम जोड़ेंगे.
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