जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में ‘रशियन गर्ल्स’ ने जमकर लगाए ठुमके, मच गया बवाल

जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में ‘रशियन गर्ल्स’ ने जमकर लगाए ठुमके, मच गया बवाल

मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक चौंकाने वाला दिलचस्प वीडियो सामने आया है. ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में रूस से आई बम विशेषज्ञ महिलाओं का डांस वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. बताया जा रहा है कि ये रशियन डिफेंस एक्सपर्ट महिलाएं मैंगो बम बनाने की ट्रेनिंग देने भारत आई थीं. 17 सितंबर, विश्वकर्मा जयंती के दिन फैक्ट्री के F-1 सेक्शन में आयोजित एक समारोह के दौरान उन्होंने बॉलीवुड गीतों पर डांस किया. करीब 3 मिनट 45 सेकंड के इस वीडियो में वे फिल्मी धुनों पर नाचते हुए नजर आ रही हैं.

वीडियो के साथ जुड़े दावों में यह भी कहा जा रहा है कि रूसी विशेषज्ञ T-72, अर्जुन और T-90 टैंकों से लागू होने वाले कुछ प्रकार के गोला-बारूद से संबंधित प्रशिक्षण दे रही थीं. हालांकि इन दावों का स्वतंत्र पुष्टि अभी भी बाकी है और फैक्ट-चेक के लिए अधिकृत बयान का इंतज़ार जारी है. उस क्लिप में दिख रहे कुछ स्थानीय कर्मचारी और मेज़बानों की उपस्थिति ने भी चर्चाओं को हवा दी है.

ऑर्डनेंस फैक्ट्री, खमरिया, देश की उन संवेदनशील रक्षा-उत्पादन इकाइयों में से है जहां छोटे व बड़े कैलिबर की गोलियाँ, तोपख़ाने के शेल, मॉर्टार शेल, राइफल व मशीनगन के कारतूस, फ्यूज़ और प्रोपेलैंट जैसे महत्वपूर्ण घटक बनाए जाते हैं. ऐसे प्रतिष्ठानों में सुरक्षा, अनुमति और गोपनीयता के कड़े नियम लागू होते हैं. इसलिए किसी भी प्रकार के अतिथि प्रशिक्षण, कार्यक्रम या फिल्मांकन पर पहले से अनुमतियों का होना आवश्यक समझा जाता है.

कोई ऑफिशियल बयान नहीं

सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर इस वायरल क्लिप पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. एक ओर कुछ नागरिक और दर्शक विदेशी मेहमानों के भारतीय संगीत के प्रति लगाव को सकारात्मक रूप में देख रहे हैं और इसे मित्रता के प्रतीक के रूप में ले रहे हैं वही दूसरी ओर कुछ लोगों ने इसे संवेदनशील रक्षा प्रतिष्ठान में अनुचित आचरण बताया है. इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ भी माना जा रहा है. इसी बीच फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं आया है जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं.

कई सवालों के जवाब बाकी

वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा और प्रशासनिक दृष्टिकोण से यह जानना आवश्यक है कि यह टीम किस उद्देश्य से आई थी. किस स्तर की अनुमति ली गयी थी? क्या सुरक्षा मानक और प्रक्रियाएं लागू की गयी थीं और क्या शूटिंग या प्रसारण की लिखित मंजूरी मौजूद थी? सांस्कृतिक संवेदनशीलता का भी ध्यान रखना ज़रूरी है. कामकाजी माहौल में मनोरंजन या मनोबल बढ़ाने वाली गतिविधियां सामान्य मानी जा सकती हैं लेकिन सार्वजनिक रूप से साझा होने पर उनका प्रभाव व्यापक होता है. द्विपक्षीय तकनीकी सहयोग जैसे मामलों में पारदर्शिता समन्वय और संवेदनशीलता बनाए रखना सर्वोपरि है.

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