छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड: बच्चों की मौत बनी पहेली, उपमुख्यमंत्री बोले- दवाओं के नमूने मिले सही

छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड: बच्चों की मौत बनी पहेली, उपमुख्यमंत्री बोले- दवाओं के नमूने मिले सही

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा सिरप कांड को लेकर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि दवाओं से मौत होने की बात से इनकार किया है. उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि इस कांड से जुड़ी 12 प्रकार की दवाओं के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं. अभी तक तीन दवाओं के नमूने आएं हैं. इनकी रिपोर्ट में ऐसा कोई पदार्थ नहीं मिला है जिससे यह पता चले कि इन दवाओं के कारण मौतें हुई हैं.

उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि शेष दवाओं की रिपोर्ट भी आज शाम या फिर कल सुबह तक आने की उम्मीद है. फिलहाल प्रयोगशालाओं में भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही छिंदवाड़ा मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से भी बात की जा रही है. इस मामले में सरकार और अधिकारी जिम्मेदारी से कार्य कर रहे हैं.

क्लीन चिट देने पर भड़के कांग्रेस विधायक

इस मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने उपमुख्यमंत्री और राज्य के स्वास्थ्स मंत्री राजेंद्र शुक्ला पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि सरकार दवा कंपनी को पहले ही क्लीन चिट कैसे दे सकती है. सभी दवाओं के नमूने आने के बाद उन्हें इस पर सोचना चाहिए था. अब तक बच्चों में किडनी की बीमारी के 15 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं, जिनमें से 7 की मौत हो चुकी है. विधायक का कहना है कि ऐसे मामलों में सरकार को संबंधित लोगों पर एक्शन लेना था, लेकिन उन्होंने बचाव किया है.


बच्चों की मौत के पीछे कफ सिरप जिम्मेदार नहीं

वहीं उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने का कहना है कि बच्चों की मौत के पीछे कफ सिरप जिम्मेदार नहीं है. उन्होंने कहा कि तीन दवाओं की रिपोर्ट आ चुकी है, जिनमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं पाई गई है. अन्य दवाओं के नमूने की रिपोर्ट भी जल्द आ जाएगी. उन्होंने आरोप कोई भी किसी पर लगा सकता है.उन्होंने लोगों से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि बीते 24 अगस्त को बच्चों में तेज बुखार और पेशाब बंद होने जैसी संदिग्ध समस्याएं सामने आईं और 7 सितंबर को पहली मौत दर्ज की गई. हालात बिगड़ने पर कई बच्चों को नागपुर रेफर किया गया, लेकिन 7 बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. जांच में सामने आया कि जिन बच्चों की किडनी फेल हुई, उनमें से अधिकतर को Coldrif और Nextro-DS कफ सिरप दिया गया था.

Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/6If2V5R