छत्तीसगढ़: 2025 में रिकॉर्ड तोड़ नक्सलियों ने किया सरेंडर, मार्च 2026 तक मिटाने की है तैयारी

छत्तीसगढ़: 2025 में रिकॉर्ड तोड़ नक्सलियों ने किया सरेंडर, मार्च 2026 तक मिटाने की है तैयारी

छत्तीसगढ़ में साल 2025 में एक हजार से ज्यादा नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है. इस साल में इनके सरेंडर करने की संख्या सबसे ज्यादा है. राज्य में वामपंथी उग्रवाद (LWE) को पूरी तरह से मिटाने के लिए सरकार की तरफ से 31 मार्च, 2026 तक का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे में सुरक्षा बलों की तरफ से इसको लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिसकी वजह से सबसे ज्यादा संख्या में साल 2025 में नक्सलियों ने सरेंडर किया है.

इस साल अब तक कुल 1,040 नक्सलियों ने हथियार सहित आत्म समर्पण किया है. पिछले साल यानी साल 2024 में कुल 881 नक्सलियों ने सरेंडर किया था. साल 2024 की तुलना में इस साल इनके सरेंडर करने की संख्या में बढ़त हुई है. ये बढ़त केंद्र और राज्य के सुरक्षा बलों की तरफ से नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सतत और संयुक्त अभियान की वजह से हुआ है.

2023-24 में क्या रही संख्या?

पिछले दो सालों यानी साल 2023 और 2024 में इनके आत्मसमर्पण की संख्या में तेजी आई है. वहीं 2020 में 344, 2021 में 544, 2022 में 417 और 2023 में 414 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था. यह आंकड़ा दर्शाता है कि माओवादी आंदोलन कमजोर पड़ रहा है और सुरक्षा बलों की रणनीति प्रभावी हो रही है.

केंद्र सरकार की तरफ से वामपंथी उग्रवाद (LWE) को खत्म करने की समयसीमा में महज कुछ ही समय बचा है. मार्च 2026 तक 6 महीने से भी कम समय में सुरक्षा बलों की तरफ से ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि साल के अंत तक रिकॉर्ड संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे.केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के अधिकारियों के मुताबिक, इस हफ्ते माओवादी कैडर का एक और समूह सरेंडर कर सकता है.

पीएम मोदी की यात्रा से नक्सलियों का सरेंडर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नवंबर को राज्य के स्थापना दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ जाएंगे और स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे. ऐसे में उनकी यात्रा से पहले ये नक्सली आत्म समर्पण करेंगे.

सुरक्षाबलों की तरफ से माओवादियों के सरेंडर के लिए प्रयास और बातचीत की जा रही है. माओवादी कैडर आत्मसमर्पण करना चाहता है. अधिकारियों के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने के पीछे की तीन वजहें हैं, इनमें सरकार की नई आत्मसमर्पण नीति, सुरक्षा बलों की व्यापक कार्रवाई और माओवादी नेतृत्व में आंतरिक मतभेद शामिल हैं. हाल ही में 8 अक्टूबर को, नारायणपुर जिला पुलिस के सामने 16 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, इन पर कुल 48 लाख रुपये का इनाम रखा गया था.

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