गाजा डील पर पाकिस्तान का यूटर्न, ट्रंप का समर्थन करने से मुकरा
पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पेश की गई गाजा शांति योजना से खुद को अलग कर लिया है. पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने मंगलवार को कहा कि यह योजना 8 मुस्लिम देशों की ओर से प्रस्तावित पॉइंट्स से अलग है. डार के मुताबिक, ट्रंप की योजना में युद्ध विराम, मानवीय सहायता का प्रावधान और जबरन विस्थापन खत्म करने जैसे अहम पॉइंट्स शामिल नहीं हैं. इसलिए पाकिस्तान इसका समर्थन नहीं करता है.
डार ने कहा कि यह हमारा दस्तावेज नहीं है. हालांकि शांति प्रस्ताव के पॉइंट्स साझा होने के बाद और व्हाइट हाउस में ट्रंप-नेतन्याहू की बैठक से कुछ घंटे पहले ही पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ ने प्रस्ताव का स्वागत किया था. शहबाज ने कहा था कि मैं ट्रंप की 20-पॉइंट वाली योजना का स्वागत करता हूं, जिसका उद्देश्य गाजा युद्ध रोकना है.’
ट्रंप ने कहा था- पाकिस्तान 100% समर्थन कर रहा
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 29 सितंबर को शांति योजना का ऐलान किया था. उस समय ट्रंप ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल असीम मुनीर इस प्लान का 100% समर्थन कर रहे हैं. लेकिन जैसे ही योजना से जुड़ी डिटेल व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर पब्लिश हुई, पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ गईं. अगले ही दिन विदेश मंत्री इशाक डार ने ट्रंप की गाजा शांति योजना से खुद को अलग कर लिया.
पाकिस्तान ने खुद को अलग क्यों किया
अब सवाल उठता है कि अचानक यह बदलाव क्यों हुआ. क्या पाकिस्तान ने ट्रंप की योजना का समर्थन करने में जल्दबाजी दिखाई थी या फिर यह बदलाव नेतन्याहू की अपील के बाद हुए संशोधन की वजह से ऐसा हुआ है. एक सवाल यह भी है कि क्या पाकिस्तान में आंतरिक राजनीतिक दबाव इसके पीछे की असली वजह है.
दरअसल. ट्रंप की गाजा योजना और इसके समर्थन की पाकिस्तानी नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स ने खुले तौर पर आलोचना की थी. ‘टाइम्स ऑफ इजरायल’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने ट्रंप के साथ अपनी बैठक के दौरान समझौते में कुछ बदलाव किए. इन संशोधनों के तहत, गाजा से इजराइली सेना की वापसी अब स्पेशल कंडीशन के तहत होगी. इसके साथ ही एक सिक्योरिटी जोन बनाने का प्रस्ताव भी बाद में जोड़ा गया.
हम इजराइल को मान्यता नहीं देंगे: PAK
मंगलवार को इस्लामाबाद में डिप्टी PM इशाक डार ने कहा नेतन्याहू के दखल के बाद अमेरिकी योजना में बदलाव किया गया और शर्तें जोड़ी गईं. इसके तहत इजराइल की वापसी के लिए हमास के आत्मसमर्पण की शर्त रखी गई है. डार ने कहा कि कतर सहित 2 अरब देशों ने आश्वासन दिया है कि हमास समझौते को स्वीकार करेगा.
डार ने कहा.’ मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि पाकिस्तान किसी भी समझौते का हिस्सा नहीं बनने जा रहा है. हमारी नीति एक ही है, इजराइल को जैसा है वैसा ही रहने दें, हम उसे मान्यता नहीं देंगे. हमारा लक्ष्य केवल मानवीय सहायता पहुंचाना, खून-खराबा रोकना और वेस्ट बैंक को बचाना है. ‘
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