खत्म होगी इजराइल-हमास की जंग? अमेरिका ने शांति योजना की पेश, कहा- इजराइल गाजा पर नहीं करेगा कब्जा

खत्म होगी इजराइल-हमास की जंग? अमेरिका ने शांति योजना की पेश, कहा- इजराइल गाजा पर नहीं करेगा कब्जा

हमास और इजराइल के बीच लंबे समय से युद्ध छिड़ा हुआ है. इस बीच अब अमेरिका ने यह युद्ध समाप्त करने और भविष्य में फिलिस्तीनी राज्य के लिए रास्ता बनाने के लिए कदम उठाया है. अमेरिका ने युद्ध खत्म करने के लिए 21-पॉइंट शांति प्रस्ताव पेश किया है. टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना में बंधकों की तत्काल रिहाई, फिलिस्तीनियों को गाजा पट्टी में ही बने रहने के लिए प्रोत्साहित करना और शांतिपूर्ण हमास सदस्यों को माफी (अम्नेस्टी) देना शामिल है.

यह दस्तावेज इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर अमेरिका ने कुछ अरब और मुस्लिम देशों के साथ शेयर किया. हालांकि, फिलिस्तीनियों को गाजा में ही बने रहने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव अमेरिकी नीति में बड़ा बदलाव है, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी में कहा था कि अमेरिका गाज़ा पर कब्ज़ा करेगा और 20 लाख गाज़ावासियों को स्थायी रूप से पुनर्वासित करेगा. भविष्य के फिलिस्तीनी राज्य का विचार भी ट्रंप प्रशासन की पुरानी नीति से अलग है, क्योंकि इसने कभी भी टू-स्टेट सॉल्यूशन का समर्थन नहीं किया था.

इजराइल के लिए भी कई पॉइंट

योजना में इजराइल के लिए भी कई पॉइंट शामिल हैं, जैसे हमास का निरस्त्रीकरण (Disarm), गाजा का सैन्यीकरण समाप्त करना और जनसंख्या का डि-रेडिकलाइजेशन करना. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कभी भी दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन नहीं किया है. उन्होंने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, 7 अक्टूबर के बाद यरुशलम से सिर्फ एक मील दूर फिलिस्तीनियों को राज्य देना वैसा ही है जैसे 11 सितंबर के बाद न्यूयॉर्क से एक मील दूर अल-कायदा को राज्य देना. यह पागलपन हैऔर हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे. इज़राइल आपको अपने गले पर आतंकवादी राज्य थोपने नहीं देगा.

ट्रंप ने समझौते की जताई उम्मीद

इसके बावजूद ट्रंप ने शुक्रवार को उम्मीद जताई और कहा कि एक समझौता हो सकता है. उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा, पिछले चार दिनों से गहन बातचीत चल रही है और जब तक जरूरी होगा, यह जारी रहेगी ताकि एक सफल समझौता हो सके. ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ ने अरब नेताओं से बैठक के बाद कहा, हमने मिडिल ईस्ट और गाज़ा के लिए ट्रंप का 21 पॉइंट शांति प्रस्ताव पेश किया. इसमें इजराइल की चिंताओं और क्षेत्र के पड़ोसी देशों की चिंताओं दोनों को संबोधित किया गया है. हमें उम्मीद है, बल्कि आत्मविश्वास है कि आने वाले दिनों में कोई न कोई बड़ी सफलता की घोषणा की जा सकेगी.

प्रस्ताव के 21 बिंदु

  1. गाजा को डि-रेडिकलाइज कर आतंक से मुक्त करना.
  2. गाजा पट्टी का पुनर्विकास होगा ताकि निवासियों की जिंदगी एक बार फिर से सुधरे
  3. दोनों पक्षों की सहमति पर तुरंत युद्धविराम होगा, इजराइल सैन्य कार्रवाई रोकेगा.
  4. इजराइल की सहमति के 48 घंटे में सभी बंधक लौटाए जाएंगे.
  5. इसके बाद इजराइल सैकड़ों आजीवन कारावास भुगत रहे फिलिस्तीनी कैदियों, युद्ध में बंद 1,000 से अधिक गाजावासियों और मृत फिलिस्तीनियों के शव लौटाएगा.
  6. शांतिपूर्ण हमास सदस्यों को माफी दी जाएगी.
  7. मानवीय सहायता का स्तर जनवरी 2025 की डील जैसा रहेगा (रोज़ाना 600 ट्रक), साथ ही पुनर्निर्माण होगा.
  8. सहायता का वितरण सिर्फ संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रिसेंट जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं करेंगी.
  9. गाजा का प्रशासन अस्थायी फिलिस्तीनी तकनीकी विशेषज्ञों के हाथ में होगा, जिसकी निगरानी अमेरिकी नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय समिति करेगी.
  10. गाजा के पुनर्निर्माण के लिए व्यापक आर्थिक योजना बनाई जाएगी.
  11. एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) बनेगा, जिसमें कम टैरिफ और बेहतर व्यापारिक पहुंच होगी.
  12. किसी भी निवासी को गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा.
  13. हमास को शासन से बाहर रखा जाएगा, उसके सभी सैन्य ढांचे नष्ट होंगे.
  14. क्षेत्रीय ताकतें हमास और अन्य गुटों पर निगरानी कर सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी.
  15. अमेरिका और उसके साझेदार एक अस्थायी स्थिरीकरण बल (temporary stabilization force) बनाएंगे और फिलिस्तीनी पुलिस को प्रशिक्षित करेंगे.
  16. इजराइल गाजा को न तो कब्जाएगा और न ही जोड़ेगा.
  17. अगर हमास प्रस्ताव टालता या नकारता है, तो टेरर-फ्री क्षेत्रों में इसे लागू किया जाएगा.
  18. इजराइल भविष्य में कतर पर हमला नहीं करेगा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय कतर की मध्यस्थ भूमिका को मान्यता देगा.
  19. डि-रेडिकलाइजेशन प्रोग्राम और अंतरधार्मिक पहलें चलाई जाएंगी.
  20. गाजा के पुनर्निर्माण और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के सुधार पूरे होने पर फिलिस्तीनी राज्य का रास्ता खुलेगा.
  21. अमेरिका, इजराइल और फिलिस्तीनियों के बीच लॉन्ग टर्म राजनीतिक ढांचा तय करने में मदद करेगा.

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