कफ सिरप से बच्चों की मौत पर केंद्र सरकार सख्त, सभी राज्यों को निर्देश- हर बैच की दवाओं की टेस्टिंग जरूरी
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को सख्त निर्देश जारी किए हैं. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने कहा है कि अब हर दवा कंपनी को दवा बनाने से पहले सभी कच्चे माल और तैयार दवाओं की टेस्टिंग करनी होगी. ड्र
ग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर्स को चिट्ठी लिखकर कहा है कि निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कई कंपनियां कच्चे माल (एक्सिपिएंट्स और एक्टिव इंग्रेडिएंट्स) की हर बैच की जांच नहीं कर रही हैं.
सख्त कार्रवाई करने के निर्देश
सरकार ने साफ कहा है कि दवा नियम 1945 के नियम 74(c) और 78(c)(ii) के मुताबिक, हर बैच की टेस्टिंग जरूरी है और इसका रिकॉर्ड भी रखना होगा. राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने इलाकों में दवा निर्माण इकाइयों की निगरानी बढ़ाएं, विश्वसनीय वेंडर्स से ही कच्चा माल खरीदने की व्यवस्था सुनिश्चित करें और नियमों का पालन न करने वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करें.
कई राज्यों में कफ सिरप पर बैन
सरकार ने कहा है कि यह कदम मरीजों की सुरक्षा और दवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है. कफ सिरप से मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत की घटना सामने आई है. एमपी में 16-17 बच्चों की मौत हो गई जबकि राजस्थान में 4 बच्चों की मौत की खबर है. केंद्र सरकार ने कई राज्यों में जांच शुरू की है और प्रभावित राज्यों ने सिरप पर बैन लगा दिया है.
सरकार ने कई राज्यों में जांच भी शुरू की है. जहरीला कफ सिरप किडनी फेलियर का कारण बन रहा है. इसमें डाईएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, जो गाड़ियों के ब्रेक फ्लूइड में इस्तेमाल होता है.
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