ईरान का सबसे बड़ा मुकदमा- 5000 वादी, 56000 पेज के दस्तावेज…’मौसावी मोबाइल केस’ की पूरी कहानी

ईरान का सबसे बड़ा मुकदमा- 5000 वादी, 56000 पेज के दस्तावेज…’मौसावी मोबाइल केस’ की पूरी कहानी

ईरान में मौसावी मोबाइल केस बहुत बड़ा और चर्चा में रहने वाला मामला है. इस केस में 5000 से ज्यादा लोग शिकायत दर्ज करा चुके हैं. लोगों का कहना है कि उन्होंने मौसावी नाम की एक कंपनी से मोबाइल फोन खरीदे थे, लेकिन उन्हें मोबाइल नहीं मिले या फिर खराब या गलत फोन भेजे गए. इससे हजारों लोगों को नुकसान हुआ.

इसके जरिए 196.56 अरब तोमान (लगभग ₹41,257 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी हुई. इस मामले में कई कानूनी अड़चनें आईं. सबसे बड़ी परेशानी यह थी कि मुख्य आरोप को लेकर अदालतों में मतभेद था. इसलिए यह केस ईरान की सुप्रीम कोर्ट में भेजा गया. अब सुप्रीम कोर्ट ने मामला साफ कर दिया है और केस वापस माजंदरान प्रांत के सारी शहर की अदालत में भेजा गया है

कंपनी का लाइसेंस रद्द

मौसावी मोबाइल का ई‑कॉमर्स लाइसेंस सरकार ने रद्द कर दिया है. इसका मतलब है कि कंपनी अब ऑनलाइन व्यापार करने का कानूनी हक खो चुकी है. मोबाइल इम्पोर्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख ने दावा किया है कि मौसावी मोबाइल और कुरोश कंपनी ने एक भी फोन इम्पोर्ट नहीं किया है.

माजंदरान में मामले की जांच अंतिम चरण में चल रही है. मामले की सुनवाई के दौरान 28 कार्टन, और 218 अलग-अलग फाइलें पेश की गईं, जिसमें 56,000 से ज्यादा पन्ने थे.

फैसले में देरी नहीं होगी: अदालत

माजंदरान के मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि इतने बड़े और गंभीर मामले को जल्दी निपटाना बहुत जरूरी है ताकि लोग अपना खोया हुआ पैसा वापस पा सकें. उन्होंने यह भी कहा कि अदालत इस केस पर पूरी नजर रखे हुए है और कोशिश कर रही है कि कोई देरी न हो.

मौसावी मोबाइल से ठगे गए लोग अब भी लगातार अदालत से संपर्क कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें जल्दी न्याय मिलेगा. यह मामला ईरान में उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी और न्याय की प्रक्रिया का एक बड़ा उदाहरण बन गया है, जिसे बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है.

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