अफगान विदेश मंत्री के भारत दौरे से PAK को लगी मिर्ची, खोला झूठ का पिटारा
अफगानिस्तान में तालिबान ने साल 2021 में शासन संभाला था. शासन संभालने के बाद पहली बार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत का दौरा कर रहे हैं. मुत्ताकी के भारत दौरे से पाकिस्तान को मिर्ची लग गई है. इसी के चलते वो एक के बाद एक झूठ का पिटारा खोल रहा है.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्ताकी 9 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक भारत के दौरे पर हैं. उनके दौरे के दौरान ही गुरुवार देर रात को पाकिस्तान ने काबुल पर मिसाइल बरसाई. इसी बीच तालिबान शासन की भारत के साथ बढ़ती कूटनीतिक नजदीकी से परेशान पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारत पर आरोप लगाया कि वो अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के संचालन के लिए कर रहा है.
PAK ने खोला झूठ का पिटारा
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने पेशावर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत पर एक आरोप लगाया, जहां उन्होंने पाकिस्तान की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति, विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा (KP) में बढ़ते खतरे को उजागर किया. उनका यह बयान उस दिन आया जब तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की.
चौधरी ने दावा किया कि भारतीय प्रॉक्सी अफगानिस्तान की जमीन से पाकिस्तान को निशाना बना रहे हैं. इसको लेकर इस्लामाबाद ने काबुल को सबूत और प्रमाण भी सौंपे हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की अफगानिस्तान से हो रही आतंकी गतिविधियों के पक्के सबूत हैं और खैबर पख्तूनख्वा सरकार को अपने नागरिकों की सुरक्षा खुद करनी चाहिए, न कि अफगानिस्तान से सुरक्षा की भीख मांगनी चाहिए. पाकिस्तान ने भारत पर TTP को अफगानिस्तान के जरिए समर्थन देने का आरोप लगाया, जबकि भारत ने इन आरोपों को झूठा बताया.
TTP क्या है?
TTP लंबे समय से इस्लामाबाद की सरकार को उखाड़कर सख्त इस्लामी शासन लागू करने के लिए लड़ रहा है और उसका अफगान तालिबान से गहरा संबंध रहा है, जिसने TTP की स्थापना को भी प्रेरित किया था. चौधरी ने कहा कि अफगान तालिबान और अन्य गैर-राज्य तत्व आतंकवाद को हवा दे रहे हैं और अब कोई भी आतंकवादियों का मददगार बख्शा नहीं जाएगा.
मुत्ताकी ने आतंकवाद को लेकर क्या कहा?
दूसरी ओर तालिबान विदेश मंत्री मुत्ताकी ने शुक्रवार को जयशंकर से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने दोहराया कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने भारतीय पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अफगानिस्तान किसी को भी अपनी जमीन का इस्तेमाल हमले के लिए करने की अनुमति नहीं देगा.
मुत्ताकी ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों की अफगानिस्तान में मौजूदगी के सवाल को नकारते हुए कहा, यहां ऐसा एक भी व्यक्ति मौजूद नहीं है. पिछले 4 सालों में हमने उन सभी को खत्म कर दिया जिन पर कार्रवाई की गई थी. अब एक इंच जमीन भी किसी और के नियंत्रण में नहीं है.
उनकी इस यात्रा के नतीजे में भारत ने शुक्रवार को यह घोषणा की कि वो तालिबान प्रशासन के साथ अपने राजनयिक संबंधों को और मजबूत करेगा और 2021 में बंद की गई अपनी काबुल स्थित दूतावास को फिर से खोलेगा. यह कदम तालिबान को राजनयिक रूप से काफी ताकत देगा. जिसे अब तक केवल रूस ने औपचारिक मान्यता दी है.
PAK ने काबुल पर बरसाई मिसाइल
पाकिस्तान ने गुरुवार को काबुल पर मिसाइल बरसाई. इसी बीच तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर अपने क्षेत्र में हवाई हमले करने का आरोप लगाते हुए परिणाम भुगतने की चेतावनी दी. पाकिस्तान ने यह तो नहीं स्वीकारा और न ही इनकार किया कि उसने हवाई हमले किए हैं, लेकिन उसने साफ कहा कि अब उसका सब्र टूट रहा है.
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में TTP के ठिकानों पर छापेमारी कर 30 आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया. यह कार्रवाई उस हमले के बाद की गई जिसमें आतंकियों ने एक सुरक्षा काफिले पर घात लगाकर हमला किया और 11 सैनिकों की हत्या कर दी थी. शुक्रवार रात उत्तरी शहर डेरा इस्माइल खान में भी पाकिस्तानी तालिबान ने एक पुलिस सुविधा पर हमला किया और कई धमाकों की आवाज़ें सुनी गईं. छापेमारी ओरकजई जिले में की गई, जहां बुधवार को एक सैन्य काफिले पर हमला हुआ था. इस हमले में दो वरिष्ठ अधिकारियों समेत 11 सैनिक मारे गए थे.
पाकिस्तान के काबुल पर हमले से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान को सख्त चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि अब बहुत हो चुका और इस्लामाबाद अब देश के अंदर चल रहे कथित आतंकी ठिकानों को और बर्दाश्त नहीं करेगा.
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/9jv0ius
Leave a Reply